अमरोहा ज़िले के नौगावाॅ सादात निवासी अहमद हसन की बसे दिल्ली के लिये प्रतिदिन संचालित होती है , इन्ही मे से एक बस बिजनौर जिले के कस्बा गौहावर से नौगावाॅ सादात होते हुए दिल्ली जाती है । गौहावर से सट्टे गाॅव चाॅगीपुर की महिला अपने परिवार के साथ दिल्ली मै रहती है वह दिल्ली से डग्गामार बस संख्या यूपी 23 T 5808 से बैठकर अपने गाॅव चाॅगीपुर आ रही थी । रास्ते मे ढाबे पर बस ज्यादा समय रोकने पर बस मालिक अहमद हसन के भाई से कहा सुनी हो गयी। यह महिला नौगावाॅ सादात भाजपा नेता बिरेन्द्र सैनी की सगी बहन है । महिला का आरोप है बस मालिक के भाई जो कण्डकटरी करता है उसने मुझे अकेली हिन्दू महिला देख मुझे गन्दी - गन्दी गालियाॅ दी, अपशब्दो कहे । जब मैने अपने भाई बिरेन्द्र सैनी का परिचय दिया तब वह ओर आगबबूला हो गया ओर उसने मुझे सीट से उठाकर मेरे साथ धक्का मुक्की ओर छेड़छाड़ करने लगा मै नीचे गिर गयी मेरे पैर मे काफी चोट आयी । बस मे बैठे यात्रियो ने मुझे उसके चंगुल से छुड़ाकर सीट पर बैठाया । जब मै जोया के नजदीक आ गयी तब मैने अपने भाई बिरेन्द्र सैनी से फोन पर आप बीती बता दी । बिरेन्द्र सैनी ने कोतवाल को सुचित कर बस थाने पर ली , लेकिन कण्डकटर रास्ते से ही गायब हो गया । कोतवाल ने महिला की तहरीर पर बस व ड्राईवर को हिरासत मे ले लिया । महिला का रो रो कर बुरा हाल था । फैसले का दवाब बनाया जा रहा था । महिला ने फैसले के लिये साफ इन्कार कर दिया ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ