अमरोहा । बीयूएमएस डॉ. एसोसिएशन में 2019 विश्व क्षयरोग दिवस के रूप में मनाया। कार्यक्रम की शुरूआत डॉक्टर फैज मौहम्मद ने तिलावते कलामे पाक से की। इस मौक पर बीयूएमएस डॉ. एसोसिएशन के प्रिसिडेंट डॉ. बिलाल अहमद ने बताया कि रोजाना 7 हजार से अधिक लोग टीबी का शिकार हो रहे हैं। हर मिनट एक टीबी मरीज की मौत हो जाती है। विश्व में प्रत्येक चार टीबी के मरीज एक भारत का मरीज होता है। भारत में हर साल 27 लाख टीबी के मरीज सामने आते हैं। बताया कि टीबी का मरीज जब छींकता है तो दबाव से 10 हजार बूंदे मुँह से निकलती हैं। वहीं खांसते समय तीन हजार बूंदे मुँह से निकलती हैं। इसलिये खांसते समय और छींकते समय रूमाल का प्रयोग करना चाहिये। बीयूएमएस डॉ. एसोसिएशन सिक्रेट्री डॉ. वसीम अकरम ने कहा टीबी का बैक्टीरिया शरीर के जिस जिस्से में होता है, उसके टीशू को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। इससे उस अंग का काम प्रभावित होता है। डॉ. शहनशाह हैदर ने बताया दो सप्ताह ज्यादा लगातार खांसी और बलगम आना खासी के साथ-साथ कभी-कभी खून आना भूक कम लगना, लगातार वजन कम होना, शाम व रात के समय बुखार आना सांस उखड़ना, इसके मुख्य लक्षण हैं। डॉ. माज अब्बासी ने कहा बच्चों को जन्म से एक माह के अन्दर टीबी का टीका लगवा देना चाहिये। खांसते व छींकते समय मुँह पर रूमाल रखें रोगी जगह-जगह नही थूके पूरा इलाज कराये। डॉ. गय्यूर हसन नकवी ने कहा देश में 90 प्रतिशत लोगों में टीबी का बैक्टीरिया होता है, लेकिन वो शान्त पड़ा रहता है। जो लोग नियमित शराब, धम्रपान, करते हैं, उनमे रोगों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है। डॉ. बिलाल अहमद व डॉ. वसीम अहमद ने सभी डाक्टरों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. बिलाल अहमद, डॉ. वसीम अकरम, डॉ माज अब्बासी, डॉ. शहनशाह हैदर, डॉ. फैज मौहम्मद, डॉ. गय्यूर हसन, डॉ.मरगूब हसन, डॉ. सितेन्द्र, डॉ.अर्पित गुप्ता, डा. सौराभ राणा आदि उपस्थित रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ