सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अमरोहा : आक्रोशित सफाई कर्मचारियों ने पुलिस चौकी तोड़ी



अमरोहा मैं  सफाई कर्मचारियों की गुहार ना सुनना पुलिस को भारी पड़ गया और गुस्साए सफाई कर्मचारियों ने अमरोहा जनपद के एनएच 24 पर स्थित जोया पुलिस चौकी में तोड़फोड़ कर दी । घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल के साथ आला अधिकारी खुद मौके पर पहुंच गए और पूरे मामले में मौका मुआयना किया जोया कस्बे की नगर पंचायत मैं तैनात सफाई कर्मचारी धर्मपाल सिंह बाल्मीकि के साथ जोया नगर पंचायत के अध्यक्ष पति जाहिद हुसैन के दामाद के भाई ने मामूली बात को लेकर दबंगई दिखाते हुए मारपीट कर दी जब पीड़ित सफाई कर्मचारी धर्मपाल सिंह ने  अपने साथ हुई  मारपीट की शिकायत अपने साथी सफाई कर्मचारियों से की तो उसके साथी कर्मचारी यूनियन के साथ जोया नगर पंचायत  बातचीत करने के लिए पहुंच गए लेकिन सभी सफाई कर्मचारियों को रास्ते में रोककर उनके साथ ऑफिस के कर्मचारियों ने भी मारपीट की और अपने गुंडागर्दी दिखाते हुए पुलिस में शिकायत ना करने की धमकी दी किसी तरह जान बचाकर ये सभी सफाई कर्मचारी जोया पुलिस चौकी पहुंचे तो वहां पुलिस ने इनकी सुनवाई नहीं की जिसके बाद गुस्साए सफाई कर्मचारियों ने पुलिस चौकी जोया में तोड़फोड़ कर दी और पुलिस चौकी के शीशे तोड़ दिए पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की सूचना मिलने के बाद आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए और उसके बाद सफाई कर्मचारियों को किसी तरह समझा-बुझाकर मामला शांत कराया ।। गुस्साए सफाई कर्मचारी आरोपी नगर पंचायत चेयरमैन और उसके रिश्तेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंच गए और वहां पर जाकर धरने पर बैठ गए और इन लोगों का कहना है कि यह लोग न्याय चाहते हैं और जिन्होंने इनके साथ मारपीट की है उन सब के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक बृजेश कुमार सिंह का कहना है कि नगर पंचायत के अध्यक्ष पति के रिश्तेदारों और सफाई कर्मचारियों में मारपीट का मामला सामने आया है यह मारपीट पहले जोया नगर पंचायत में हुई उसके बाद जो लोग पुलिस चौकी में आकर गए जिसमें ईट पत्थर भी चले हैं चौकी को काफी नुकसान पहुंचा है आरोपी लोगों के घरों पर दबिश डाली जा रही है गिरफ्तारी कराकर कार्रवाई की जाएगी


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...