अमरोहा ज़िले के आदमपुर थाना क्षेत्र में संदिग्ध परिस्थितयों में युवक की लाश फांसी के फंदे पर झूलती मिली। युवक की पत्नी से अनबन चल रही थी। परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मुकदमा दर्ज करने के लिए उसे परिजनों से तहरीर का इंतेजार था। यह घटना आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव शेरगढ़ से जुड़ी है। यहां के वीरपाल पेशे से किसान है। उनका बेटा अशोक (22) संभल में कैलादेवी धार्मिक स्थल के समीप टायर पंक्चर की दुकान करता था। तीन साल पहले उसकी शादी जिला रामपुर के गांव चकरपुर कदीम निवासी राखी उर्फ राजेश्वरी के साथ हुई थी। परिजनों के मुताबिक शादी के बाद से दंपती के बीच विवाद चल रहा था। पिछले छह महीने से राखी अपने मायके में ही रह रही थी। उसने वहीं पर एक बेटे को भी जन्म दिया था। अशोक भी बेटे के नामकरण संस्कार में ससुराल गया था। बताया जा रहा है कि यहां ससुरालियों ने उसकी पिटाई करके पुलिस को सौंप दिया था। जिसके बाद थाने में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था। समझौते के बाद दोनों पति-पत्नी अपने दोनों बच्चों को साथ अपने शेरगढ़ गांव में ही रह रहे थे। मंगलवार की देर शाम अशोक की लाश घर के एक कमरे में मफलर के फंदे पर झूलती मिली। जिससे परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इंस्पेक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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