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40 असफल नलकूपों का पुनःनिर्माण हर दशा में 31 मार्च तक करायें -मंत्री धर्मपाल सिंह


योगी सरकार ने अपने 23 महीने के सराहनीय कार्यकाल में विगत तीन वर्षो की तुलना में खरीफ में लगभग 50 हजार हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता वृद्धि कर राष्ट्रीय स्तर पर सराहनीय कीर्तिमान स्थापित किया है। यह बात सिंचाई मंत्री श्री धर्म पाल सिंह ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में विभागीय समीक्षा बैंठक में दोहराते हुए अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे निरन्तर प्रगति की ओर बढ़ते रहंे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में आयोजित दिव्य कुम्भ-भव्य कुम्भ में सिंचाई विभाग ने पर्याप्त मात्रा में गंगाजल उपलब्ध कराकर जो सराहनीय कार्य किया है उसकी राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर योगी सरकार की प्रशंसा हो रही है। सिंचाई मंत्री ने निर्णय लिया कि इस कार्य में प्रशंसनीय योगदान देने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्तीपत्र देकर सम्मानित किया जाये। समीक्षा के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि नहरांे की सिल्ट सफाई का कार्य सफालता पूर्वक किया गया जिसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2018-19 में कुल 10209 नहरों की टेल के सापेक्ष 9541 नहरों की टेल तक पानी पहॅुचा है, जिससे कि किसानों में प्रसन्नता और खुशहाली का वातावरण बना है।

सिंचाई मंत्री ने निर्देशित किया कि सिंचाई विभाग की महात्वाकांक्षी मध्य गंगा नहर परियोजना द्वितीय चरण को गतिशीलता लाने के लिए के लिए भूमि अधिग्रहण कार्य युद्ध स्तर पर कराया जायें जिससे इस योजना का लाभ किसानों को शीघ्र ही मिल सके। सिंचाई मंत्री ने यह भी निर्देशित किया कि इस योजना की शासन स्तर पर नियमित समीक्षा कर आ रही समस्या का तुरन्त निदान किया जाए। इस क्रम में श्री वी0 के0 राठी प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष ने अवगत कराया कि मुख्य अभियन्ता, मध्य गंगा श्री ए0के0 सेंगर निरन्तर प्रयासरत् है। उन्होने प्रमुख सचिव सिंचाई के स्तर से आयुक्त एवं जिलाधिकारी, मुरादाबाद से संपर्क कर इस कार्य को प्रभावी बनाने के लिए अनुरोध किया है। आपने यह भी बताया कि मुख्य अभियन्ता इस कार्य को सम्पन्न कराने के लिए मुरादाबाद में कैम्प कर प्रभावी कार्यवाही करेंगे। जिससे कि कार्य में आ रही समस्याओं का तुरन्त निदान हो सके। 

सिंचाई मंत्री ने कृषकों को राजकीय नलकूपों से सिंचाई सुविधा को और अधिक असरदार बनाने के लिए कड़े निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी नलकूप बन्द न रहें तथा असफल राजकीय नलकूपों को प्रयास कर पुनः संचालित किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि वर्ष 2018-19 हेतु प्रस्तावित 40 असफल नलकूपों को 31 मार्च, 2019 हर दशा में संचालित किया जाये। जिससे कि किसानों को सिंचाई में कोई भी असुविधा न हो। इस परिपेक्ष्य में प्रमुख अभियन्ता यांत्रिक श्री सुनील कुमार ने बताया कि प्रदेश में 1101 असफल राजकीय नलकूपों को पुनःनिर्मित किये जाने की नाबार्ड पोषित परियोजना की लागत धनराशि रू0 283.26 करोड़ गठित की गयी है। 

आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्राविधानित बजट धनराशि रू0 80.00 करोड़ प्रस्तावित है। इसके सापेक्ष लगभग 300 असफल राजकीय नलकूपों का पुनः निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने यह भी बताया कि इसी परियोजना के तहत वर्ष 2018-19 में विभिन्न जनपदों में 

7.75 करोड़ की लागत से 40 असफल नलकूपों को मार्च, 2019 तक पूर्ण कर लिया जायेगा। 

सिंचाई मंत्री ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत दी कि वे अपने क्षेत्रों का सघन भ्रमण करें तथा किसानों की सिंचाई संबंधी समस्याओं का तुरन्त मौके पर ही निस्तारण करें। आपने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी की लोकप्रिय योजना ‘‘पर ड्रोप मोर क्रोप’’ बनाने के लिए ड्रिप व स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली परियोजनाओं को गतिशील बनाया जाये। प्रमुख अभियन्ता, परियोजना श्री पी0पी0 पाण्डेय ने बताया कि बुन्देलखण्ड़ में स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली परियोजना का कार्य प्रगति पर हैं। निकट भविश्य में इसके सुखद परिणाम प्राप्त होंगे कम जल में अधिक पैदावार प्राप्त होगी।

बाढ़ बचाव कार्यो की समीक्षा करते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण मुख्यमंत्री जी की सर्वोच्च प्राथमिकता हैं। इस दिशा में समय से पूरी (मई, 2019 तक) तैयारी कर ली जाये जिससे बाढ़ से प्रभावित 38 जिलों हेतु बचाव एवं राहत कार्य की कारगर कार्य योजना बन सके। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हे सूचना प्राप्त हो रही है कि कुछ स्थानों पर अभी भी कुछ नदियाॅ कटाव कर ही है उन बिन्दुओं को चिंहित कर तुरन्त कार्यवाही की जाये। सिंचाई मंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि इस दिशा में मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा जो घोषणाए की गयी है उनका अनुपालन समय से हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए। प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन श्री ध्यान सिंह ने बनायी गयी कार्य योजना की पूरी जानकारी देते हुए आश्वासन दिया कि पूरी तत्परता से इस कार्य को देखें। 

विभागीय पदोन्नति समय पर हो इस हेतु सिंचाई मंत्री ने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे निर्धारित समय पर डी0पी0सी0 की बैठके कराये जिससे रिक्त पदो पर सक्षम और योग्य अधिकारियों की तैनाती हो। जिससे विभागीय कार्य कुशलतापूर्वक सम्पन्न हो। विशेष सचिव अनीता वर्मा सिंह ने बताया कि शीघ्र ही एक डी0पी0सी0 मुख्य अभियन्ता स्तर-1 की आयोजित होने जा रही है तद्ोपरान्त मुख्य अभियन्ता स्तर-2 की भी विभागीय पदोन्नति की कार्यवाही की जायेगी। 

सिंचाई मंत्री ने विभागीय नई कार्यशैली के तीन संकल्पों (नहरों का सफल संचालन, नदी संरक्षण एवं निर्माण कार्य) को सर्वोच्च प्राथमिकता से पूर्ण करने के निर्देश दिये। इस संदर्भ में विशेष सचिव सिंचाई सारिका मोहन एवं विशेष सचिव मुश्ताक अहमद ने बताया कि इन बिन्दुओं पर विशेष ध्यान आकर्षण हेतु अधिकारियों को शीघ्र ही निर्देशित किया जायेगा। जिससे विभाग को नवीन कार्य पद्धति का लाभ प्राप्त हो सके। 

सिंचाई मंत्री ने जहां विगत् तीन माह के कार्यो की सघन समीक्षा की वही आगामी तीन माहों में विभाग द्वारा प्रस्तावित कार्यो की योजना पर भी गहन विचार-विर्मश किया। इन प्रस्तावित कार्यो में स्प्रिकंलर सिंचाई प्रणाली राम की पैड़ी परियोजना को परमार्जित कर पूर्ण करना, बुन्देलखण्ड़ क्षेत्र की लम्बित रसिन बांध, लोवर रोहिणी बांध परियोजना व जाखलौन पम्प कैनान आदि को पूर्ण करना। अर्जुन सहायक फीडर का कबरई बांधव चन्द्रावल बांध को भरा जाना एवं सरयू नहर परियोजना के गैप्स पूर्ण कर 05 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता आदि 

 


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