उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी द्वारा गौरव सम्मान समारोह का आयोजन वी आई पी रोड स्थित शिव शान्ति सन्त आसूदाराम आश्रम आलमबाग में आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश सिन्धी अकादमी के उपाध्यक्ष श्री नानक चन्द लखमानी जी द्वारा कार्यक्रम की
अध्यक्षता की गयी तथा मुख्य अतिथि सन्त शिरा मणि साँईं चाण्डूराम साहिब पीठाधीश्वर,
शिव शान्ति सन्त आसूदाराम आश्रम, जिसमें उत्तर प्रदेश में लखनऊ शहर के श्री संदीप
भाग्या, जिन्होंने सिन्धी विषय लेकर सिविल सेवा परीक्षा में वर्ष 2018 में पूरे भारतवर्ष में
30वीं रैंक पाकर उत्तीर्ण किया। अकादमी द्वारा सिन्धी भाषा से सिविल सर्विस की परीक्षा
उत्तीर्ण करने वाले प्रत्येक छात्र को प्रोत्साहन दी जाती है , जिसके क्रम में श्री
संदीप भाग्या जी को धनराशि रू0 51000.00 (रूपये इक्यावन हजार मात्र) की चेक प्रदान
की गयी है । अकादमी के उपाध्यक्ष श्री नानक चन्द लखमानी जी ने सिन्धी विषय लेकर
पढ़ने वाले युवाओ को सिविल सर्विसेज की पढ़ाई करने पर ज़ोर दिया।
कार्यक्रम में अकादमी के नामित सदस्य श्री नर ेश कुमार बजाज, श्री लालू गगवानी,
श्री ज्ञान प्रकाश ट ेकचन्दानी, श्री लीला राम सचदेवा, श्री भजन लाल क्ष त्रपाल तथा सिन्धी
समाज के गणमान व्यक्ति श्री मुरलीधर आह ूजा, श्री मा ेहन दास लधानी, सिन्धी वेलफेयर
सोसाइटी क के अध्यक्ष श्री अतुल राजपाल, श्री सत्येन्द्र भागवानी, दर्पण लखमानी आदि लोग
उपस्थित रहे ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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