रिजिड ब्रांकोस्कोपी से दूर होगी मुख्य सांस नली की रुकावट


अब रिजिड ब्रांकोस्कोपी के जरिए सांस नलिका की रुकावट को दूर कर दिया जाएगा, जिससे कैंसर के मरीजों को इलाज कराने का समय मिल सकेगा। अभी तकसांस नलिका में गांठ होने के कारण इलाज शुरू होने से पहले ही मरीजों की मौत हो जाती थी।


संजय गांधी पीजीआइ में इटरवेंशनल ब्रांकोस्कोपी पर आयोजित अधिवेशन में विभाग के प्रमुख प्रो.आलोक नाथ और प्रो. जिया हाशिम ने बताया कि खाने की नली, लंग, थायरायड, सारकोडोसिस सहित कई परेशानी में मुख्य सांस की नली में गांठ बन जाती है, जिसके कारण मुख्य सांस नलिका में रुकावट हो जाती है। इलाज से पहले ही शुरुआती दौर में मरीज की मौत तक होने का अंदेशा रहता है। लेकिन अब रिजिड ब्रांकोस्कोपी के जरिए गांठ को निकाल कर सांस नली की रुकावट दूर कर मरीज को इस लायक बना देते है कि वह कैंसर का इलाज ले सके।


देखा गया है कि कई तरह के कैंसर में इलाज से जिंदगी लंबी हो जाती है। विशेषज्ञों ने बताया कि अब ब्रांकोस्कोपी और थोरोस्कोपी के जरिए फेफड़े के कैंसर, टीबी सहित कई अन्य बीमारियों का पता काफी शुरुआती दौर में लगना संभव हो गया है जिससे इलाज की सफलता दर भी बढ़ी है। हम लोग अधिवेशन में इस तकनीक केबारे में लोगों को सिखा रहे हैं।


 


 

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