राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने भारतीय सेना के वीर जवानों को तहेदिल से बधाई दी

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद तथा राष्ट्रीय महासचिव षिवकरन सिंह ने पत्रकार वार्ता में कहा कि चुनावी वर्ष चल रहा है और भाजपा अपनी कार्यषैली आष्चर्यजनक ढंग से चला रही है। देष के 43 सी0आर0पी0एफ0 के जवान इनके खूफिया तंत्र की नाकामी के फलस्वरूप अकाल मृत्यु का ग्रास बन गये इस अप्रत्याषित घटना के कारण सभी राजनैतिक दलों ने अपने समस्त कार्यक्रम स्थगित कर दिये परन्तु भाजपा की चुनावी रैली उस दिन भी हुई और देष के प्रधानमंत्री लगातार चुनावी रैलियां करते रहे। केवल देष की जनता को भ्रमित करने के लिए पाकिस्तान को गीदड़ भभकी देते रहे। आज भारतीय सेना के वीर जवानों को मैं तहेदिल से बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने पाकिस्तान में घुसकर आक्रमण किया और आतंकवाद को नेस्त नाबूद करने का कदम उठाया। 

नेता द्वय ने कहा कि किसानों को 6000/रूपये वार्षिक किसान सम्मान निधि योजना प्रारम्भ करके चुनाव से पूर्व 2000 हजार रूपये देकर किसानों का अमूल्य वोट खरीदने की नाकाम कोषिष की जा रही है। किसानों को 5 वर्ष पूर्व आय दुगुनी करने का वादा करने वाले लोगो ने सम्पूर्ण कार्यकाल में किसानों का भद्दा मजाक उडाया है और खाद, बीज, उर्वरक, डीजल का मूल्य व अन्य कृषि यंत्रों की लागत बराबर बढती रही परन्तु केन्द्र सरकार कुम्भकर्णी नींद सोती रही और किसानों को नये नये सपने दिखाने का कुचक्र चलता रहा। गन्ना किसानों की दुर्गति लगातार हो रही है आज भी गन्ना किसानों का लगभग 11000 करोड रूपया प्रदेष की गन्ना मिले दबाये बैठी हैं। 

नेता द्वय ने कहा कि गंगा सफाई के नाम पर लगभग 20000 करोड रूपया खर्च किया गया परन्तु गंगा जैसी पवित्र नदी जैसी की तैसी है क्योंकि नदीं में गिरने वाले नालों को ही नहीं मोड़ा जा सका। इससे यह सिद्व होता है कि गंगा को निर्मल और अविरल करने की नीयत ही नहीं थी। राष्ट्रीय लोकदल मांग करता है कि नमामि गंगे योजना के नाम पर आवंटित की गयी धनराषि के खर्च की जांच सी0बी0आई0 से करायी जाय ताकि वास्तविकता का पता आम जनता को लगे। कहीं ऐसा तो नहीं कि इसमें भी एन्वेस्टर्स समिटि की तरह करोडों रूपयों का बंदरवाट किया गया है? 

नेता द्वय ने कहा कि पांच वर्ष पहले भाजपा का स्वागत योग्य नारा बेटी बचाओं बेटी पढाओं था। यह देष का दुर्भाग्य है कि इस नारे को भी भाजपा की कार्यषैली ने खोखला कर दिया और न बेटियां सुरक्षित रह सकी और न ही महिला सषक्तीकरण के सन्दर्भ में कोई कदम उठाया गया। आज हजारों बेटियां शोहदों के डर से पढाई छोडकर घरों में बैठी हैं। महिला आरक्षण बिल के नाम पर केवल बयानबाजी होती रही। पारिवारिक न्यायालयों में लाखों मुकदमें लम्बित है परन्तु उनकी दिन प्रतिदिन सुनवाई का कोई भी संज्ञान नहीं लिया गया जिसके फलस्वरूप लाखों महिलाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है और केन्द्र सरकार केवल तीन तलाक बिल लाकर अपनी पीठ थपथपा रही है। कानून व्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त हो चुकी है केवल कानून बचा है। 

पत्रकार वार्ता में प्रदेष प्रवक्ता सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी, प्रदेष कोषाध्यक्ष प्रो0 यज्ञदत्त शुक्ल, प्रदेष मीडिया प्रभारी जावेद अहमद, युवा रालोद के प्रदेष अध्यक्ष अम्बुज पटेल, छात्र प्रकोष्ठ के प्रदेष अध्यक्ष अभिषेक सिंह चैहान, प्रदेष सचिव रमावती तिवारी व चन्द्रकांत अवस्थी मौजूद रहे।  

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