राहुल की छात्रो संग ‘डिनर पर चर्चा


नई दिल्ली - आमचुनाव 2019 से पहले लोगों तक पहुंच बनाने की हर जुगत में लगी कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया टीम ने ये नया कैंपेन लॉंच किया है- अपनी बात, राहुल के साथ. इसके तहत पहली मुलाकात हुई देश भर के सात चुनिंदा छात्रों के साथ. जगह थी दिल्ली की लोधी कॉलोनी का एक छोटा सा रेस्तरां- पिंग्स कैफे। मुंबई, असम, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, केरल जैसी अलग-अलग जगहों से आए इन छात्रों के लिए ये मुलाकात काफी दिलचस्प थी. वजह ये कि उन्हें बताया ही नहीं गया था कि वो एक ऐसे नेता से मिलने जा रहे हैं जिसे अब तक उन्होंने सिर्फ टीवी, अखबार या मोबाइल स्क्रीन पर देखा है। शाम करीब 7 बजकर 50 मिनट पर राहुल गांधी रेस्तरां में दाखिल हुए तो छात्र हैरान रह गए. गर्मजोशी से हाथ मिलाने की रस्म निभाने के बाद शुरु हुआ परिचय और बातचीत का सिलसिला.
देश के अलग-अलग राज्यों, अलग-अलग बैकग्राउंड और अलग-अलग विषयों की पढ़ाई कर रहे इन छात्रों से राहुल गांधी ने कई मुद्दों पर चर्चा की। 


असम के जोरहाट जिले के बाहोना इलाके से आई शताब्दी हजारिका हिस्ट्री ऑनर्स के सेकेंड सेमेस्टर में हैं. उन्होने राहुल गांधी से कहा...


“असम में प्रतिभा की कमी नहीं है लेकिन मौके नहीं है. हमारी शिक्षा और रोजगार में काफी गैप है. इसे दूर करना होगा.”


उत्तर प्रदेश के आगरा में वकालत पढ़ रहे अनिल कुमार मौर्या ने कहा...


“दलितों और समलैंगिकों पर जुल्म समाज का एक बड़ा मुद्दा है और राजनीतिक पार्टियों को इन मुद्दों को एजेंडे पर लेना चाहिए.”


दिल्ली में MBBS पढ़ रहीं शेमाइला अली खान के लिए शुक्रवार की शाम बड़ा सरप्राइज लेकर आई. वो कहती हैं कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि वो आज राहुल गांधी से मिली हैं. अपने निजी संघर्ष के बारे में बात करते हुए शेमाइला ने बताया कि उन्हें अपनी मेडिकल डिग्री के लिए आर्थिक और बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझना पड़ा. उनके लिए मुस्लिम समुदाय में लड़कियों की शिक्षा कोई चुनावी नहीं बल्कि पर्सनल मुद्दा है.


केरल के रहने वाले रोहन रेजे मैथ्यू एक समलैंगिक एक्टिविस्ट हैं जो चाहते हैं कि राजनीतिक पार्टियां इस समुदाय के लोगों की दिक्कतों पर भी ध्यान दें जैसे कि पब्लिक प्लेस पर जेंडर-न्यूट्रल बाथरूम, विश्वविद्यालयों में समलैंगिक छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं का प्रावधान. मैथ्यू का कहना है कि ,“ समलैंगिक समुदाय को अब नजरअंदाज, खामोश और हाशिए पर नहीं छोड़ा जा सकता.” मैथ्यू  का कहना है कि राहुल गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि 2019 चुनाव का मैनिफेस्टो बनाने वाले टीम उनसे समलैंगिक समुदाय की जरूरतों को लेकर संपर्क में रहेगी. 


दिल्ली की ठिठुरती शाम और पिंग्स कैफे के सूप-सलाद के साथ राहुल ने करीब 1 घंटा 26 मिनट छात्रों से बात की. छात्रों के लिए बिलकुल अलग तरह का तजुर्बा रहा. उनका कहना है कि नेता अपने नजरिये से शिक्षा की समस्याओं को देखते हैं जबकि उन्हें छात्रों के नजरिये से देखने की जरूरत है. इस तरह की मुलाकातें इस दिशा में बढ़िया कदम हो सकती हैं. वैसे उनकी मानें तो उन्हें खाना भी लजीज लगा और एक-दूसरे की बातें भीं.


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