प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रयागराज में भ्रमण हुआ। प्रधानमंत्री का डी0पी0एस0 हेलीपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री उ0प्र0 केशव प्रसाद मौर्य व अन्य लोगो द्वारा स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री द्वारा संगम नोज पर पहुँचकर संगम स्नान व पूजन करने के उपरान्त मेला क्षेत्र के सेक्टर-1 में स्थिति गंगा पण्डाल में उपस्थिति पुलिस कर्मियों, नाविको एवं सफाई कर्मियों को सम्बोधित कर उनके द्वारा कुम्भ मेले के दौरान किये गये उत्कृष्ट कार्यो की सराहना करते हुये उन्हें सम्मानित किया गया। सम्मानित किये गये पुलिस कर्मियों में कमशः म0मु0आ0 सन्तोष, मु0आ0 मुनीश कुमार सिंह (जल पुलिस), फायरमैन सुरेन्द्र कुमार, होमगार्ड नागेन्द्र कृष्ण पाण्डेय, आरक्षी विकास चन्द्र (सीआरपीएफ) व आरक्षी देव प्रकाश (एनडीआरएफ) थे। प्रधानमंत्री जी द्वारा सम्बोधन के दौरान सुरक्षित कुम्भ हेतु उ0प्र0 पुलिस की भूमिका की तारीफ करते हुये कहा गया कि पुलिस के खोया पाया केन्द्रों द्वारा बच्चे, बड़े व बुजुर्गों को उनके परिजनों से कुछ ही घण्टों में मिलाने एवं पुलिस द्वारा लोगों के मोबाइल व समान ढूंढ़ने जैसे कठिन काम बेहद गम्भीरता से किये गये। प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता कर्मियों एवं पुलिस के अधिकारियों को सराहनीय भूमिका के लिये बधाई एवं शुभकामनाएँ दी गयीउक्त भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक / वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कवीन्द्र प्रताप सिंह, मेलाधिकारी विजय किरन आनन्द एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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