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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 09 फरवरी को प्रदेश में 10 हजार जोड़ों के विवाह कराने का लक्ष्य

लखनऊः प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री श्री रमापति शास्त्री ने कहा है कि 09 फरवरी, 2019 को प्रदेश के सभी जिलों में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 10 हजार जोड़ों के विवाह कराये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम की तैयारी सही ढंग से करना सुनिश्चित करें। इस पुनीत कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता अथवा लापरवाही नहीं की जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिए है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना अंतर्गत वैवाहिक जीवन शुरू करने वाले लाभार्थियों को सरकार द्वारा अनुमन्य सुविधाएं सुलभ कराने में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत निर्धारित लक्ष्य को अवश्य पूरा करना सुनिश्चित किया जाये। 

श्री शास्त्री ने बताया कि समाज में सर्व धर्म समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’’ संचालित है, जिसके अन्तर्गत विभिन्न समुदाय एवं धर्मो के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न कराया जाता है। उन्होंने बताया कि इस योजना में पात्रता के लिए पहले आय सीमा शहरी क्षेत्र में 56460 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्र में 46080 रुपये थी, परन्तु अब वर्तमान में इस आय सीमा को बढ़ाकर मुख्यमंत्री जी द्वारा 02 लाख रुपये वार्षिक कर दिया गया है। 

समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत अभी तक 33 हजार जोड़ों का विवाह कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि इस योजना की सराहना आम नागरिकों द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 60 वर्ष से 79 वर्ष तक के वृद्धजनों को 400 रुपये प्रतिमाह पेंशन को मुख्यमंत्री जी द्वारा बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 37 लाख से अधिक वृद्धजनों को लाभान्वित किया जा रहा है।

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