सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

मिशन अन्त्योदय के अनुश्रवण हेतु गठित ब्लाक स्तरीय समिति में ग्राम प्रधान/सचिव भी सदस्य बनाये गये

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने मिशन अन्त्योदय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सुनिश्चित करने के लिए मण्डल, जनपद तथा विकास खण्ड स्तर पर अनुश्रवण समितियों का गठन किया है। 

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने यह जानकारी देते हुए आज यहां बताया कि अनुश्रवण हेतु गठित समितियों की बैठकें प्रतिमाह आयोजित की जायेंगी एवं बैठक में लिये गये निर्णय तथा अन्त्योदय मिशन की प्रगति रिपोर्ट को आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तर प्रदेश एवं शासन को उपलब्ध कराना होगा। 

प्रमुख सचिव ने बताया कि ब्लाक स्तरीय अनुश्रवण समिति में खण्ड विकास अधिकारी, अध्यक्ष तथा नायब तहसीलदार, उपाध्यक्ष बनाये गये हैं। सहायक विकास अधिकारी, आई.एस.बी./पंचायत को सदस्य सचिव बनाया गया है। 

इस समिति में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के अलावा अवर अभियंता लोक निर्माण, सिंचाई, ग्रामीण अभियंता सेवा, लघु सिंचाई, जल निगम, नलकूप, विद्युत तथा पशु चिकित्साधिकारी, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी/ए.डी.ओ. कृषि, खण्ड शिक्षाधिकारी तथा पूर्ति निरीक्षक सदस्य बनाये गये है। 

इसी प्रकार ए.डी.ओ. समाज कल्याण/सुपरवाइजर, उद्यान निरीक्षक ,मत्स्य निरीक्षक, ब्लाक आफीसर, प्रान्तीय विकास दल, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी सहकारिता, अग्रणी बैंक प्रतिनिधि, डाकपाल डाकघर, उपमण्डलीय अधिकारी, दूरसंचार तथा चयनित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान/सचिव सदस्य बनाये गये है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...