मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को पूर्णतः लागू कराने के लिए श्रम मंत्री ने दिये निर्देश
लखनऊ- श्रम मंत्री ने बापू भवन स्थित सभागार में मजीठिया वेज बोर्ड की त्रिपक्षीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की । बैठक में त्रिपक्षीय समिति के समक्ष उपस्थित सदस्यों द्वारा मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पूर्णतः अनुपालन सेवायोजक पक्ष से कराए जाने का अनुरोध किया गया।
बोर्ड बैठक में वरिष्ठ पत्रकार श्री मुदित माथुर ने श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम के तहत परिभाषित समाचार पत्र अधिष्ठान की परिभाषा की व्याख्या करते हुए बताया कि बहु संस्करणीय समाचार पत्रों का वर्गीकरण उनके वर्ष 2007-2008, 2008-2009 व 2009-2010 सकल कुल राजस्व के औसत के आधार पर होना है भले ही अलग-अलग संस्करण का प्रकाशन व मुद्रण अलग-अलग कम्पनियां करती हों, इन सभी को जोड़ कर जो भी राजस्व होगा श्रम विभाग को उसके अनुसार ही वेतनमान निर्धारित करने का आदेश सेवायोजकों को देना चाहिए। यदि श्रम विभाग के निर्धारण के बावजूद कोई भी पक्ष असहमत महसूस करता है तो असहमति के बिन्दु को राज्य सरकार सक्षम विधि के अनुसार 17(2) में अभिनिर्णय हेतु श्रम न्यायालय को संदर्भित कर सकती है। सेवायोजकों के प्रतिनिधि में हिन्दुस्तान टाइम्स के निदेशक कार्मिक का कहना था की उनके 20 संस्करणों का राजस्व अलग-अलग निर्धारित होना चाहिए। श्री माथुर ने बताया कि यह बिन्दु बछावत प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय पहले ही तय कर चुका है और समस्त संस्करणों का सकल राजस्व ही वर्गीकरण का आधार माना जाता है। पत्रकारों की ओर से भी कहा गया कि मजीठिया वेज बोर्ड का अनुपालन वर्ष 2011 से नहीं हो पा रहा है जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने सभी संदर्भित प्रकरणों का निर्णय छह माह के भीतर करने के निर्देश जारी किए हैं। पत्रकारों के मामले राज्य सरकार सीधे श्रम न्यायालयों को संदर्भित करे ताकि तकनीकी आधार पर अनावश्यक विवाद लम्बित न हो सकें।
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