लखनऊ । अवैध तरीके से तैयार होने वाली जहरीली शराब की गैर-कानूनी सामानान्तर व्यवस्था खासकर उत्तर प्रदेश में एक राज्यव्यापी गंभीर समस्या है तथा इसका ज्यादातर शिकार गरीब, मजदूर व अन्य दैनिक कमाई वाले मेहनतकश लोग व उनके परिवार होते रहते हैं, लेकिन बीजेपी सरकार की गरीब-विरोधी लचर नीति व घोर सरकारी उदासीनता व अनदेखी के कारण यहाँ बड़े पैमाने पर मौतें हो रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार इस समस्या से भी निपटने में बुरी तरह से विफल साबित हो रही है। वास्तव में केन्द्र व राज्यों की बीजेपी सरकारों के मुखिया को दिन–रात संकीर्ण व चुनावी राजनीति करने से फुर्सत ही कहाँ है जो वे लोग अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी पर समुचित ध्यान देकर व जनहित, जनकल्याण एवं शान्ति–व्यवस्था पर ध्यान देकर यहाँ करोड़ों आमजनता के जीवन को खश व खुशहाल करें। उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड राज्य में जहरीली शराब पीने से लगभग सौ से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत होने की घटना को अति गंभीर त अति शर्मनाक बताते ही एसपी की शाही वा उन परे की उमीन वांटी मानी ने आज एक बयान में कहा कि बीजेपी सरकार केवल कछ कर्मचारियों को निलम्बित करके अपनी जिम्मेदारी से मक्त होना चाहती है, जो ना केवल गलत बल्कि घोर असंवेदनशीलता व गैर-जिम्मेदारी है, जिसकी जितनी भी निन्दा की जाये कम है। सम्पूर्ण घटना की सी.बी.आई. से जाँच की माँग करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि वास्तव में हर बार इस प्रकार की गंभीर व शर्मनाक घटनाओं के बाद सरकार सो जाती है और जनता की निगाह में जो असली अपराधी है वह साफ तौर पर बच जाते हैं। वास्तव में इन घटनाओं के पीछे रहने वाले असली जिम्मेदार सफेदपोश लोगों को बेनकाब करके उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा करने की जरूरत है। इसलिये इस वर्तमान मामले में सी.बी.आई. की जाँच के साथ-साथ निष्पक्ष दिया जाये तो यति दिया जाये तथा यह विभाग मुख्यमंत्री अपने पास ले लें। वैसे भी दोनों बीजेपी शासित दोनों राज्यों को इतने गंभीर मामले में अब तक जितनी सख्त कार्रवाई व जितने सख्त कदम सरकार को उठाने चाहिये थे वह दुर्भाग्यवश अबतक नहीं उठाये गये हैं, यह जनता के लिये चिन्ता की बात है। सुश्री मायावती जी ने कहा कि घटना की निष्पक्ष जाँच के साथ-साथ पहली नजर में दोषी पाये जाने वाले लोगों पर अगर हर प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं की गयी तो इस प्रकार की अति दुःखद व गंभीर घटनाओं की पनरावत्ति रोक पाना संभव नहीं है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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