भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि घोषणा के एक महीने भीतर किसानों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की पहली किश्त के रूप में दो हजार रुपए पहुंचा देना न केवल अभूतपूर्व है बल्कि इस सराहनीय कार्य की दूसरी मिसाल नहीं है। गोरखपुर में किसान सम्मान निधि योजना का शुरुआत कर आदरणीय प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने देश-प्रदेश में विकास की एक नई राह खोल दी है।
प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि किसानों के खातों में सीधे पैसे आने से अब इन्हें खाद-बीज आदि की व्यवस्था करने के लिए उधार नहीं लेना पड़ेगा। बल्कि ये अब अपनी कृषि जरूरतों का प्रबंध स्वयं कर सकेंगे। इससे किसान अपनी पूरी ऊर्जा खेती में लगा सकेंगे और कृषि के क्षेत्र में देश एक महाशाक्ति बनकर उभरेगा। प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के सहयोग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रशासन ने यूपी में किसानों की दुनिया बदल दी है। 36 हजार करोड़ रुपए से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का ऋण मोचन किया गया है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि गन्ना किसानों का 53 हजार करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है। 93 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सीधी खरीद कर किसानों को 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इसीतरह 86 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद, गेहूं का एमएसपी 1840 रुपए प्रति क्ंिवटल करना, पहली बार दलहनी और तिलहनी फसलों की खरीद कर प्रदेश सरकार ने किसानों को एक बड़ी राहत दी है।
प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि इससे न केवल किसानों का उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिला है बल्कि किसानों की आय दोगुनी होने की दिशा में भी तेजी से कदम बढ़े हैं। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार लगातार किसानों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में प्रयास कर रही है। खुशहाल किसान ही न्यू इंडिया की रीढ़ हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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