दिनांक 19.02.2019 की सांय थाना माॅट पुलिस टीम द्वारा सूचना के आधार पर सर्विस रोड यमुना एक्सप्रेस-वे अण्डरपास पर चेकिंग के दौरान मोटर साइकिल सवार पुरस्कार घोषित अपराधी विशम्बर को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त के कब्जे से लूट का 05 हजार रू0 नगद, 01 तमंचा 12 बोर, 02 जीवित कारतूस व 01 मोटर साइकिल बरामद हुई।
उल्लेखनीय है कि गिरफ्तार अभियुक्त शातिर किस्म का अपराधी है, जिसके विरूद्ध जनपद के विभिन्न थानों में चोरी, लूट, हत्या का प्रयास, गैगेस्टर एक्ट एवं आम्र्स एक्ट के लगभग 20 अभियोग पंजीकृत हैं एवं अभियुक्त द्वारा दिनांक 01.12.2018 को थाना क्षेत्र में स्थित जावरा नहर पुल के पास से गोपाल निवासी ग्राम जावरा से मोटर साइकिल, मोबाइल फोन लूट की घटना कारित की गयी थी, जिसके सम्बन्ध में थाना माॅट पर मु0अ0सं0 428/2018 धारा 392/411 भादवि पंजीकृत है एवं दिनांक 12.12.2018 को पुलिस टीम पर फायरिंग कर फरार हो गया था , जिसके सम्बन्ध में थाना माॅट पर
मु0अ0सं0 428/2018 धारा 147/148/149/307 भादवि पंजीकृत है तथा दिनांक 27.11.2018 को थाना क्षेत्र सुरीर में तेहरा पुल के पास बाजना के जूता व्यवसायी से लूट के सम्बन्ध में थाना सुरीर पर मु0अ0सं0 456/2018 धारा 392/411 भादवि पंजीकत है, जिसमें अभियुक्त वांछित चल रहा था। अभियुक्त की गिरफ्तारी पर जनपद स्तर से 25 हजार रू0 का पुरस्कार घोषित था।
इस सम्बन्ध में थाना माॅट पर अभियोग पंजीकृत कर गिरफ्तार अभियुक्त को जेल भेजा गया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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