जब भ्रष्ट सिस्टम किसी इंसान के अधिकार के सामने दीवार बनकर खडा हो जाता है तो ऐसे में देश का क़ानून उसकी अँधेरी जिन्दगी में उम्मीद का दिया बनकर रास्ता दिखाता है इसी लिए हर तरफ से निराश व्यक्ति भी क़ानून का दामन आख़िरी दम तक नहीं छोड़ता है | कुछ ऐसे ही हालात का सामना डॉ. अजय यादव को करना पडा था जब उन्हें फंसाने के लिए भ्रष्ट सिस्टम ने नियम क़ानून उठाकर ताक पर रख दिए लेकिन आखिरकार उच्च न्यायालय ने उन्हें झूठे आरोपों से बाईज्जत बरी करते हुए भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों की साजिश को बेनकाब कर दिया | कल्ली पश्चिम, पीजीआई के रहने वाले पेशे से किसान डॉ. अजय यादव ने प्रेस क्लब में संवाददाताओं से बातचीत में खुलासा किया | इनकी पत्नी सरोजनी नगर की ब्लाक प्रमुख रह चुकी हैं | इन्हें अपने पूर्वजों से भूमि गाटा संख्या / खसरा संख्या – 1782 ख रकबा 0.455 हे. वरासतन प्राप्त हुई है | पूर्व समाजवादी सरकार में तत्कालीन काबीना मंत्री एवं कुछ भ्रष्ट नेताओं के इशारे पर राज्स्व कर्मियों द्वारा प्रशासनिक शक्तियों का दुरूपयोग करते हुए इनके खेत में बनी ट्यूबवेल कोठरी एवं चहारदीवारी को दिनांक 21.05.2016 को गिरा दिया गया | इसका विरोध करने पर इनके खिलाफ थाना पी० जी० आई० में ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने के फर्जी मुक़दमे पंजीकृत कराए गए | हर तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद इन्होने मा० उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका (MB) 19906 / 16 दाखिल किया | जिसका आदेश 30.08.16 का अनुपालन उक्त राज्स्व कर्मियों ने नही किया तो मा. उच्च न्यायलय में याचिका content 1369 / 17 उपरोक्त आदेश के अनुपालन हेतु दाखिल की गई | मा0 उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल हो जाने पर पीड़ित के ऊपर याचिका वापस लेने के लिए उसे भूमाफिया – टॉपटेन भूमाफिया बनाने का अनुचित दबाव बनाया गया साथ ही धमकाया गया कि याचिका वापस ले लो नहीं तो कई फर्जी मुकदमें लगा कर गुंडा एक्ट लगा कर जिलाबदर करा देंगे | दिनांक 23.01.2019 को मा० उच्च न्यायालय ने डॉ. अजय यादव को न्याय देते हुए जिलाधिकारी लखनऊ को आदेशित किया है कि तहसील सरोजिनी नगर जनपद लखनऊ के राजस्व कर्मियों द्वारा षड्यंत्र कर गिरा दी गयी चहारदीवारी को पुनः पूर्ण कराकर दिनांक 07.03.2019 को शपथ पत्र के साथ मा. न्यायालय को अवगत करायें | पीड़ित का कहना है मा. उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल होने के बाद से राजस्व विभाग के अधिकारी व कर्मचारी की क्रूर साजिश से मेरा पूरा परिवार विगत तीन वर्षों से गंभीर परेशानी झेल रहा था |
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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