लखनऊ । ‘‘डिजिटल मेडिसिन और नई सम्भावनाएं’’ पर आज़ाद इंस्टीट्यूट आॅफ फार्मेसी एण्ड रिसर्च, लखनऊ में 2 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ। सेमिनार का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर मुषाहिद आलम रिज़वी जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली ने प्रेजे़न्टेशन के ज़रिए इस उभरती हुई टेक्नोलोजी को इण्डिया में तेज़ी से विस्तार करने की ज़रूरत बताई। सेमिनार को सम्बोधित करते हुए संस्थान के डाएरेक्टर डा. शफ़ीक़ अह़मद ने डिजिटल मेडिसिन के बारे में विस्तार से बताया इस मौके पर मुख्य सलाहकार डा. असलम फ़ारूक़ी ने प्रेज़ेन्टेशन के ज़रिए इसके फ़ायदे बताए। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के माध्यम से इलाज कराने में लागत कम आती है। जिससे मरीज के ऊपर इलाज के लिए आर्थिक बोझ कम पड़ता है । जिससे मरीज कम पैसे में स्वास्थय लाभ ले सकता है । यह टेक्नाॅलाजी अभी नई है और इसमें रोज़गार की अपार संभावनाएं है । कार्यक्रम के शुरु में आज़ाद एजुकेशनल सोसाइटी के वाइस चेयरमैन ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और मेडिसिन के क्रमबद्व विस्तार सेे इतिहास पर रोशनी डालते हुए नई तकनीक के इस्तेमाल पर बल दिया। सेमिनार का संचालन प्रियंका बाजपेयी व डा. रिजवान ने किया और डा. इम्तियाज़ ने आए हुुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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