अमेरिका से लौटीं प्रियंका


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की बहन और पार्टी की महासचिव व पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी अपनी विदेश यात्रा से वापस लौट आई हैं. दिल्ली लौटने पर प्रियंका राहुल से मिलने उनके घर गईं. प्रियंका ने वेस्ट यूपी के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी मुलाकात की.


कांग्रेस महासचिव पद पर प्रियंका की नियुक्ति के बाद सियासी गलियारों में उनके अगले कदम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था. बेटी के इलाज के लिए अमेरिका गईं प्रियंका गांधी का इंतजार पार्टी कैडर में जोर-शोर से किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि प्रियंका अपने स्टाफ के साथ बैठक के बाद आगे का कार्यक्रम तय करेंगी.


आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी का जायजा लेने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी महासचिवों और राज्य प्रभारियों की 7 फरवरी को बैठक बुलाई है. लिहाजा महासचिव बनने के बाद प्रियंका गांधी भी इस बैठक में शामिल होंगी. महासचिवों के साथ इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षों की 9 फरवरी को बैठक बुलाई है. इसमें प्रदेश में कांग्रेस की तैयारियों को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी. जानकारों की मानें तो प्रियंका गांधी पहले भी कांग्रेस की रणनितिक बैठकों का हिस्सा लेती रही हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर यह पहला मौका होगा जब वे पदाधिकारी की हैसियत से इन बैठकों में शिरकत करेंगी.


बता दें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए दो प्रभारी महासचिव नियुक्त किए हैं. इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभार प्रियंका गांधी और पश्चिम उत्तर प्रदेश का प्रभार कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया गया है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के लिहाज से सबसे बड़े सूबे यूपी में दो युवा प्रियंका गांधी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने बड़ी चुनौती है. जहां एक तरफ पूर्वी उत्तर प्रदेश सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृहक्षेत्र है तो वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी यहीं है.


 

इससे पहले खबरें यह भी आ रही हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बहन प्रियंका गांधी प्रयागराज में चल रहे अर्धकुंभ में शरीक हो सकते हैं. कुछ दिनों पहले प्रयागराज के कुंभक्षेत्र में प्रियंका को गंगा की बेटी बताते हुए पोस्टर भी लगे थे. प्रियंका गांधी वैसे तो परदे के पीछे कांग्रेस की रणनीति तैयार करती रही हैं. माना जाता है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन में उनका विशेष योगदान था. हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर प्रियंका गांधी ने खुद को अपनी मां और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाई राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र तक ही सीमित कर रखा था.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का क्षेत्र होने के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश कांग्रेस की रणनीति में अहम स्थान रखता है. बीजेपी के इस गढ़ में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस ने प्रियंका को मैदान में उतारा है. जिससे कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं में उत्साह है. अब जब लोकसभा चुनावों को लेकर कुछ ही महीने बचे हैं ऐसे में देखना होगा कि प्रियंका बीजेपी के गढ़ में किस तरह से अपनी रणनीति तैयार करती हैं. क्योंकि राहुल गांधी अपने भाषणों में लगातार कह रहे हैं कि कांग्रेस अब यूपी में फ्रंट फुट पर बैटिंग करेगी और छक्के भी लगाएगी.


 


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