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अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा रोजगार, किसान और मंहगाई के मुद्दों पर पर्दा डाल रही है।

   समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा रोजगार, किसान और मंहगाई के मुद्दों पर पर्दा डाल रही है। नौजवानों की पीढ़ी बिना कामकाज के भटक रही है। कानून व्यवस्था अराजकता की भेंट चढ़ गई है। ऐसे में सन् 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनावों में लोकतंत्र की परीक्षा होगी। लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को हटाना राष्ट्र हित में है। यही ‘‘राष्ट्र धर्म‘‘ है।

      श्री यादव आज यहां डाॅ0 राममनोहर लोहिया सभागार, पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में एकत्र कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएस और भाजपा पाखण्डी है। झूठ की खेती उगाना उनका एजेण्डा है। समाज में नफ़रत फैलाना उनका मुख्य काम है। अंधविश्वास की आड़ में भाजपा अधर्म करती है। छल बल से भाजपा ने देश के कारपोरेट जगत पर एकाधिकार कर रखा है। प्रचार माध्यमों पर सत्ताधारी दल का कब्जा है। भाजपा का यह कृत्य अलोकतांत्रिक है। 

      श्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और आरएसएस का विकास और सामाजिक सौहार्द से कोई नाता-रिश्ता नहीं है। भाजपा जातिवाद फैलाती हैं जबकि समाजवादी जातिवाद के विरूद्ध है। भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में आरएसएस की कोई भूमिका नहीं थी। वह तो समाजवादी थे जिन्होंने सन् 1942 के आन्दोलन को गति दी थी। आजादी के बाद आरएसएस पर तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल ने प्रतिबंध लगा दिया था। 

      श्री यादव ने कहा कि भाजपा राज में अहिंसक आन्दोलन प्रदर्शन पर बर्बर लाठीचार्ज किया जाता है। निर्दोषों को फंसाया जा रहा है। किसानों-नौजवानों और छात्र-छात्राओं पर गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमें लगाए जा रहे हैं। भाजपा कई तरह की चालें चलती है। इसलिए भाजपा से सावधान रहना है। भाजपा विकास विरोधी है। समाजवादी राष्ट्र प्रेमी है। भाजपा लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा हो गई है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। 

       श्री अखिलेश यादव ने कहा कि बलपूर्वक और एक पक्षीय रूप से सामाजिक परिवर्तन नहीं लाया जा सकता है। महिला सशक्तीकरण के नाम पर जो अध्यादेश सरकार ला रही है वह धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था के लिए खतरा हैं। विश्वविद्यालयों से लेकर सड़क तक भाजपा उत्पीड़न की कार्यवाही कर रही है। सम्मान और सद्भाव की राजनीति ही देश को प्रगतिशील बना सकती है। भाजपा की सोच विकास की नहीं है। 

       समाजवादी सरकार ने 18 लाख लैपटाॅप बांटे जिसकी प्रशंसा हार्वर्ड विश्वविद्यालय तक हुईं है। भाजपा ने न तो लैपटाॅप बांटे और नहीं इंटरनेट को आम आदमी के लिए उपलब्ध कराया। भाजपाई रंग और नाम बदलने तथा नफरत की राजनीति को ही विकास समझते है। सच तो यह है कि समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन से घबरा कर भाजपा कई तरह के षडयंत्र करने में लगी है जबकि राज्य की जनता इस गठबंधन को भाजपा का विकल्प मानती है।  

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