सीए परीक्षा में पहले और दूसरे नंबर पर आए दो मुस्लिम युवक


कोटा / कोडे -  वह अपने रिजल्ट  को  ऑनलाइन देखने की कोशिश कर रहा था। लेकिन धीमी गति से इंटरनेट कनेक्टिविटी एक कठिन खेल रही थी। तभी उसके  एक दोस्त ने फ़ोन पर उसको खुशखबरी सुनाई जिसे सुनकर उसे यकीन नहीं हो रहा था 


एक दर्जी के बेटे, कोटा के शादाब हुसैन से मिलिए, जिन्होंने इस वर्ष चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) परीक्षा के लिए अपने पहले प्रयास में ही नंबर वन रैंक हासिल की । शादाब ने अपने जीवन में बहुत से परेशानियों का सामना किया है और उनके रास्ते में बहुत से रोड़े आए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। घर की आर्थिक दशा अच्छी नहीं थी इस कारण शादाब ने एक प्राइवेट फर्म में अकाउंटेंट की नौकरी करली।  सुबह 6 बजे से 10 बजे तक वह पढ़ाई करते थे  फिर 11 बजे से शाम 6 बजे तक जॉब करते थे घर आने  पर वह फिर पढाई में जुट जाते थे और देर रात तक पढाई किया करते थे। शादाब के घर में उनकी तीन बहने है और तीनो ग्रेजुएट है पिता  जिन्होंने मैट्रिक पास कर रखी  है पैसो की कमी की वजह से आगे पढाई नहीं कर पाए थे  दर्ज़ी का काम करने लगे  ।  शादाब कहते है की अपनी इन कामयाबी का श्रेय वो अपनी मेहनत से ज़्यादा अपने पिता को देना चाहते है जिनकी हौसला अफ़ज़ाई की वजह से ही वोह आज इस मक़ाम पर पहुंचे है। 

         

 

 

वही कोटा से करीब 850 किमी दूर गुजरात   के कच्छ क्षेत्र के एक छोटे से गाँव कोडे के रहने वाले शाहिद  हुसैन शौकत मेनन जो कि शादाब से 13 नंबर कम लाये लेकिन सी ए के एक्ज़ाम में सेकंड टॉपर बन कर उभरे।  शाहिद बताते है कि हालांकि की उनको आर्थिक दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा लेकिन मेहनत उन्होंने भी खूब की उनको क्लॉसेस अटेंड करने के लिए अपने घर से रोज़ 100 किमी तक की  दूरी तय करना पड़ती थी लेकिन शाहिद अब खुश है की उनकी मेहनत रंग लाई। 

 

 

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