सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस का 88 साल की उम्र में निधन


नई दिल्ली. पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस का मंगलवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे। वह अल्जाइमर्स से पीड़ित थे। लिहाजा उन्हें कुछ याद नहीं रहता था।


 


1967 में पहली बार सांसद बने
3 जून 1930 को जन्मे जॉर्ज भारतीय ट्रेड यूनियन के नेता थे। वे पत्रकार भी रहे। वह मूलत: मैंगलोर (कर्नाटक) के रहने वाले थे। 1946 में परिवार ने उन्हें पादरी का प्रशिक्षण लेने के लिए बेंगलुरु भेजा। 1949 में वह बॉम्बे आ गए और ट्रेड यूनियन मूवमेंट से जुड़ गए। 1950 से 60 के बीच उन्होंने बॉम्बे में कई हड़तालों की अगुआई की।


 


फर्नांडीस 1967 में दक्षिण बॉम्बे से कांग्रेस के एसके पाटिल को हराकर पहली बार सांसद बने। 1975 की इमरजेंसी के बाद फर्नांडीस बिहार की मुजफ्फरपुर सीट से जीतकर संसद पहुंचे थे। मोरारजी सरकार में उद्योग मंत्री का पद दिया गया था। इसके अलावा उन्होंने वीपी सिंह सरकार में रेल मंत्री का पद भी संभाला। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार (1998-2004) में फर्नांडीस को रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी। कारगिल युद्ध के दौरान वह ही रक्षा मंत्री के पद पर काबिज थे। 


 


1974 में बुलाई थी रेल हड़ताल
1974 में ऑल इंडिया रेलवेमैन फेडरेशन के अध्यक्ष रहते हुए फर्नांडीस ने बड़ी रेल हड़ताल बुलाई थी। बंद का असर यह हुआ कि देशभर की रेल व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई। हड़ताल को कई ट्रेड यूनियनों, बिजली और परिवहन कर्मचारियों ने भी समर्थन दिया था। 


 


8 मई 1974 को शुरू हुई हड़ताल के बाद सरकार ने इसे रोकने के लिए कई गिरफ्तारियां की। एम्नेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने विरोध को कुचलने के लिए हड़ताल में शामिल 30 हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था।


 


9 लोकसभा चुनाव जीते


1967 से 2004 तक 9 लोकसभा चुनाव जीते। इमरजेंसी में सिखों की वेशभूषा में घूमते थे और गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद को लेखक खुशवंत सिंह बताते थे।


 


2003 में विपक्ष ने कैग का हवाला देते हुए जॉर्ज पर ताबूत घोटाले के आरोप लगाए। जॉर्ज ने चुनौती देते हुए कहा, "अगर आप (विपक्ष) ईमानदार हैं, तो कल तक मुझे सबूत लाकर दें। मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।'' अक्टूबर 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने फर्नांडीस को कारगिल ताबूत घोटाले में पूरी तरह निर्दोष करार दिया।


 


 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।