लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच हुए गठबंधन के बाद अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन के लिए मैं मायावती जी का धन्यवाद देना चाहता हूं। अगर आज हम साथ हैं तो इसका श्रेय मायावती जी को भी जाता है। अखिलेश यादव ने कहा कि मैं पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से कहना चाहूंगा कि वह जिस तरह से आप मुझे सम्मान देते हैं उसी तरह से आप मायावती जी को भी सम्मान दें। अगर आप मायावती जी का अपमान करते हैं तो समझिएगा कि आप मेरा अपमान कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए सपा-बसपा का मिलना जरूरी था। उन्होंने कहा कि मैने कहा था कि इस गठबंधन के लिए अगर दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि आज से सपा का कार्यकर्ता यह गांठ बांध ले कि मायावती जी का अपमान मेरा अपमान होगा। हम समाज वादी हैं और समाजवादियों की विशेषता होती है कि हम दुख और सुख के साथी होते हैं। बीजेपी हमारे बीच गलतफहमी पैदा कर सकती है। बीजेपी द्वारा दंगा-फसाद भी कराया जा सकता है लेकिन है लेकिन हमें संयम और धैर्य से काम लेना है। मैं मायावती जी के इस निर्णय का स्वागत करता हूं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अब बीजेपी का अन्त निश्चित है। आज उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश के सवा सौ करोड़ आम जनता बीजेपी के घोर चुनावी वादा खिलाफी के खिलाफ खड़े हैंआज आम जनता बीजेपी के तानाशाही रवैये से खासे नाराज हैं। आज सपा और बसपा ने देशहित को ध्यान में रहकर एक जुट होने का फैसला किया है। हमारा गठबंधन नई राजनीतिक क्रांति की तरह होगी, बीएसपी-सपा के गठबंधन से आम जनता की उम्मीद जग गई है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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