भारत और पाकिस्तान के बीच हुए मिलिट्री ऑपरेशन
के बाद एनएसए अजीत डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल को अपने पाकिस्तानी बिजनेस
पार्टनर सैयद अली अब्बास से अलग हो जाना चाहिए। वहीं मोदी जी के मित्र और
रिलायन्स इंटरटेनमेंट के मालिक मुकेश अंबानी को भी 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम का
पेटेंट का आवेदन नहीं करना चाहिए था। यह समय मुनाफ़ा कमाने के बजाए चरमपंथ
और हिंसा से पीड़ित लोगों के साथ खड़े होने का है। ये बातें कांग्रेस के
राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 194 वीं
कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि पीएम मोदी को नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी की बात मान कर
सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और उनको ख़ुद देश के सामने पहलगाम और उसके बाद
की घटनाओं पर पूरी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीज़ फ़ायर में अमरीका की भूमिका
सामने आना भारत की संप्रभुता के लिए शर्मनाक है।इसीलिए आज लोग पूर्व
प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गाँधी के शौर्य को याद कर रहे हैं जो अमरीकी
राष्ट्रपति के पाकिस्तान के समर्थन में सातवां बेड़ा भेजने की धमकी के आगे
नहीं झुकी थीं और अपने बल पर युद्ध के अंजाम को भारत के पक्ष में कर दिया
था। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि भाजपा किसी भी युद्ध स्थिति को संभाल
पाने की क्षमता नहीं रखती और भारत की एकता और आखंडता सिर्फ़ कांग्रेस की
सरकारों में ही सुरक्षित रहती है।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि यह भी शर्म की बात है कि सरकार समर्थित मीडिया ने सैन्य
कार्रवाई को लेकर अफवाहें फैलायी जिसका खंडन ख़ुद सेना को करना पड़ा। इससे
पहले कभी भी सेना को ऐसा नहीं करना पड़ा था।
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