।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
पांच राज्यों के हुये चुनाव के बाद मुस्लिम समुदाय को अपने किसी दल को हराने का ठेका अपने ऊपर लेने के पुराने राजनीतिक तौर तरीकों के साथ गैर राजनीतिक कथित धार्मिक विद्वानों द्वारा कुछेक दलो के पक्ष मे मात्र चुनावी सीजन मे जौशीली तकरीर करने को छोड़कर अब वर्तमान समय के अनुसार राजनीतिक प्रबंधन को अपनाने पर विचार करना होगा। मुसलमानों को अपने अलावा भारत के उनके मुकाबले काफी कम आबादी वाले अन्य अल्पसंख्यक समुदाय इसाई, जैन, सिक्ख, व बोद्ध की राजनीतिक व शेक्षणिक तरक्की व उनके राजनीतिक-सामाजिक व सामाजिक प्रबंधन पर कभी मंथन करना चाहिए
खासतौर पर यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर आये परिणाम के मामले मे अनेक लोगो से चुनाव के मुतालिक समय समय पर हुई वार्ता मे बीबीसी से पत्रकार रहे कुर्बान अली से मतदान के पहले व मतदान के बाद व मतगणना से पहले हुई वार्ता मे उनके द्वारा बताये गये सम्भावित परिणाम ही एक मात्र मेरी नजर मे स्टीक साबित हुये। जबकि कुर्बान अली के अलावा कमोबेश सभी लोग गठबंधन की सरकार या फिर उनके आगे होने का दावा मेरे से हुई वार्ताओं मे कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के आये परिणाम मे भाजपा का समय समय पर मतदाता सूची बनते समय पक्ष मे नाम जुड़वाने व विपक्ष के कटवाने से लेकर मतदान एवं मतगणना तक का प्रबंधन उनकी जीत का खास कारण माना जा सकता है।
मुस्लिम मतदाताओं का किसी एक दल के विरोध मे बीना किसी प्रबंधन के राजनीतिक तौर पर बीना वजह खड़े होकर लामबद्ध होने का दिखावा करने को तिलांजलि देने व शैक्षणिक तौर पर मजबूत विजनरी लीडरशिप को उभारने पर विचार करना चाहिए। किसी दल से मुस्लिम विधायकों की जीतने की तादाद को देखकर खुश होने की बजाय चाहे कम तादाद मे लेकिन विजनरी विधायक को जीताने पर मंथन करना चाहिए। इसके अलावा जकात से जकात फाऊंडेशन दिल्ली जैसे अनेक संगठनों द्वारा जकात का अच्छे से उपयोग करने पर देशभर मे विचार तो करना होगा ही।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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