राजस्थान की कांग्रेस सरकार बनाने मे महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शेखावाटी जनपद मे गहलोत-पायलट के नाम पर कांग्रेस दो फाड़।


जयपुर।
              राजस्थान मे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व मे चल रही कांग्रेस सरकार के अचानक संकट मे आने पर गहलोत व पायलेट खेमे मे बंटे कांग्रेस विधायको के चलते जनपद की कांग्रेस मे दो फाड़ साफ देखी जा रही है। शेखावाटी जनपद के कुल 21 विधायको मे से भाजपा के राजेन्द्र राठौड़, सुभाष पूनीया व अभिनेष महर्षि नामक मात्र तीन विधायकों को छोड़कर बाकी सभी 18-विधायक मुख्यमंत्री गेहलोत के नेतृत्व मे चल रही कांग्रेस सरकार को अब तक समर्थन दे रहे थे। जिनमे बसपा से कांग्रेस मे आये उदयपुरवाटी विधायक राजेन्द्र गुढा व खण्डैला के निर्दलीय विधायक महादेव सिंह शामिल है।
            मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे मे बंटे कांग्रेस विधायकों का अगर शेखावाटी जनपद के स्तर पर आंकलन करे तो पूर्व मंत्री व दिग्गज जाट नेता रहे शीशराम ओला के पूत्र झूंझुनू विधायक विजेन्द्र ओला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीमाधोपुर विधायक दीपेंद्र सिंह शेखावत, सरदार शहर विधायक भंवरलाल शर्मा, व नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी खुलेतौर पर पायलट खेमे मे मोजूद है। वहीं मंत्री व सुजानगढ़ विधायक भंवर लाल मेघवाल हालांकि अस्पताल मे भर्ती है पर वो भी खूले तोर पर पायलट के साथ बताते है। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खासमखास माने जाने वाले पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चोधरी नारायण सिंह के इशारे पर नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी के पायलट खेमे मे जाकर मानेसर होटल मे बैठने के बावजूद चोधरी नारायण सिहं के पूत्र व दांतारामगढ़ विधायक विरेन्द्र सिंह का अभी तक पायलट खेमें मे नही जाना चर्चा का विषय बना हुवा है। इसी तरह विधायक विजेन्द्र ओला के शिष्य फतेहपुर विधायक हाकम अली का गहलोत खेमे मे बैठे रहना भी लोगो की जबान पर है। इसके अलावा लक्ष्मनगढ विधायक व मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी पायलट के नजदीक माने जाते रहने के बावजूद वे गहलोत खेमे है। इसी तरह पीछले कुछ अर्शे से सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक को भी पायलट के काफी नजदीक देखा जाता रहा है।
                कुल मिलाकर यह है कि गहलोत-पायलेट खेमे मे प्रदेश स्तर पर विभाजित कांग्रेस विधायकों का बंटवारा शेखावाटी जनपद के विधायकों मे भी साफ नजर आने लगा है। अभी तक खुलेतौर पर विधायक दीपेन्द्र सिंह, विधायक सुरेश मोदी, विधायक विजेंद्र ओला , विधायक भंवरलाल शर्मा व मंत्री भंवरलाल मेघवाल उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ है। बाकी अन्य सभी विधायक होने को तो अब तक मुख्यमंत्री गहलोत के साथ नजर आ रहे है। लेकिन बहुमत के लिये फ्लोर टेस्ट होने के समय पर ही मंत्री डोटासरा, विधायक विरेन्द्र सिंह, विधायक हाकम अली व  विधायक राजेंद्र पारीक का सही रुप मे पता चलेगा की वास्तविक रुप से निष्ठा उनकी कोनसे नेता के साथ है। जनपद की जनता व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस समय नजर लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस उम्मीदवार रहे रफीक मण्डेलीया, सुभाष महरिया व श्रवण चोधरी की तरफ भी है कि उनका रुख गहलोत-पायलट खेमे मे से किस खेमे की तरफ बनता -बिगड़ता है।


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