सरकार की अधिकाधिक जांच कराने की रणनीति, ताकि समय रहते पोजेटिव मरीजों का पता लगकर इलाज हो सके।


जयपुर।
               मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी रणनीति अधिक से अधिक जांच करने की है ताकि पॉजिटिव मरीजों का समय रहते पता लगाया जा सके। 2 लाख रैपिड टेस्टिंग किट आ चुके हैं और जल्द ही रैपिड टेस्ट शुरू कर दिए जाएंगे। अब ज्यादा संख्या में लोगों का टेस्ट होने से संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद मिल सकेगी। 
यहां निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीडिया के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता में कहा कि राज्य सरकार कुल 10 लाख किट मंगवाएगी और आने वाले दिनों में हमारी टेस्टिंग क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। एसएमएस हॉस्पिटल की लैब में कोरोना की नियमित जांच की क्षमता में बढ़ी है तथा प्रदेश के 6 संभागीय मुख्यालयों के मेडिकल कॉलेजों की लैब में भी इसकी जांच हो रही है। 
                एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर में सबसे पहले भर्ती हुए कोरोना पॉजिटिव रोगियों के इलाज के लिए बनाए गए दवाओं के कॉम्बिनेशन की दुनिया के कई देशों में सराहना हुई है। यह हमारी बड़ी उपलब्धि है कि हमारे अनुभवों को दुनियाभर में मान्यता मिली है और इसका लाभ वहां के मरीजों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पहले स्वाइन फ्लू का सामना करते हुए हमें जो अनुभव मिले वो आज कोविड-19 के मरीजों को ठीक करने में काम आ रहे हैं। 
                  संक्रमण रोकने के लिए अपनाई जा रही रणनीति से जुड़े सवाल पर कहा कि राज्य सरकार भीलवाड़ा मॉडल को अपनाते हुए ‘रूथलेस कन्टेनमेंट’ में जुटी हुई है। यह एक महामारी है और इसका मुकाबला करने में किसी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। पुलिस प्रशासन को भी लॉकडाउन एवं कर्फ्यू की पालना सख्ती से कराने के निर्देश दिए गए हैं। संक्रमित व्यक्ति के एक-एक सम्पर्क की पहचान कर उस तक पहुंचा जा रहा है। रामगंज क्षेत्र में केवल एक मौहल्ले में ही अधिक संक्रमण फैला है, जिसे रोकने में हम कामयाब होंगे, चिंता की कोई बात नहीं है। इसी प्रकार, बासंवाड़ा के कुशलगढ़ में भी एक क्षेत्र विशेष में संक्रमण हुआ है, जिस पर तयशुदा प्रोटोकॉल के तहत निगरानी की जा रही है। 
प्रवासी मजदूरों की स्थिति बहुत बड़ी समस्या है कि उनकी आजीविका छिन गई है और कई जगह उन्हें राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। मजदूर इस देश के विकास की रीढ़ हैं। 70 साल के दौरान देश में उद्योगों को खड़ा करने में उनकी बड़ी भूमिका है। मेरा व्यक्तिगत विचार है कि अब जोे लोग रास्ते में अटके पड़े हैं, उन्हें एक बार घर जाने की छूट दी जानी चाहिए। विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों के सहयोग और उनकी शिकायतों के समाधान के लिए सभी सरकारों ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं तथा कुछ अधिकारियों को सिर्फ इसी काम के लिए नियोजित किया है। राजस्थान में भी दो आईएएस अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो दूसरे राज्यों के अधिकारियों से निरंतर सम्पर्क में हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था के सवाल पर कहा कि लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ने के बावजूद प्रदेश में कुछ उद्योगों को शुरू करने की योजना पर विचार किया गया है। इस पर विशेषज्ञों की राय भी ली गई है। अर्थव्यवस्था के मिसिंग लिंक को जोड़ने, लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाने और रोजगार की व्यवस्था करने सहित सभी उपायों पर प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संदेश के बाद ही विस्तार से चर्चा की जाएगी। 
             कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार ने जो कदम उठाए हैं, उनके बारे में प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी मीडिया ने बखूबी निभाई है। साथ ही आमजन में संक्रमण से बचाव के बारे में जागरूकता पैदा करने में भी मीडिया की भूमिका सराहनीय रही है। 
                     कृषि जिन्सों की न्यूनतम समर्थन मूल्य एवं खुली खरीद प्रक्रिया के जरिए 15 अप्रैल से चरणबद्ध तरीके से खरीद के निर्देश राज्य सरकार ने दिए थे। कोटा मण्डी में 16 अप्रैल से एमएसपी पर खरीद शुरू हो जाएगी। प्रोसेसिंग से जुड़ी कम्पनियों को किसानों से सीधे खरीद में प्राथमिकता दी जाएगी ताकि राशन और भोजन सामग्री की उपलब्धता में मदद मिल सके। सरसों और चने की खरीद के लिए भी 677 खरीद केन्द्र बनाए गए हैं, जबकि गेहूं की खरीद की लिए गौण मण्डियां स्थापित की गई हैं।


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