जयपुर।
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार को मुख्यमंत्री सहायता कोष कोविड-19 राहत कोष के माध्यम से शुक्रवार 24 अप्रेल तक कुल 225 करोड़ 70 लाख रूपये से अधिक की सहायता राशि प्राप्त हुई है। इस सहयोग के लिए सभी दानदाताओं, भामाशाहों और संस्थाओं को मुख्यमंत्री ने धन्यवाद दिया है।
रिलायंस इण्डस्ट्रीज के मुकेश अंबानी की ओर से कोविड-19 राहत कोष में 5 करोड़ रूपए तथा भंसाली इंजीनियरिंग पॉलीमर्स लिमिटेड की ओर से एक करोड़ रूपए की राशि सीधे खाते में जमा करवाई गई है। सावरकर नगर, सीतापुरा, जयपुर निवासी पूर्व सैनिक महावीर सिंह ने अपनी एक माह की पेंशन 17 हजार 130 रूपए कोविड-19 राहत कोष में भेंट कर मानवता की सेवा का उदाहरण पेश किया है। इससे सभी को संकट की इस घड़ी में आगे बढ़कर सहयोग करने की प्रेरणा मिलेगी। बैंक ऑफ महाराष्ट्र, जयपुर जोन के कर्मचारियों की ओर से 5 लाख रूपए, मंसूरी समाज संस्थान काठेड़ा, जयपुर की ओर से एक लाख एक हजार रूपए तथा बहुद्देशीय सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता समिति, कानोता की ओर से एक लाख 21 हजार रूपए की राशि कोष में जमा करवाई गई है।
श्री एसएस जैन सुबोध शिक्षा समिति की ओर से एक करोड़ रूपए, जय क्लब जयपुर की ओर से 5 लाख एक हजार, राजस्थान स्टेट रियल एस्टेट डवलपमेंट काउंसिल की ओर से 5 लाख, अक्षत अपार्टमेंट प्रा.लि. की ओर से 2 लाख 21 हजार, गोल्डन ड्यून्स बिल्डर्स एण्ड डवलपर्स, मंगलम बिल्ड डवलपर्स तथा खण्डेलवाल वैश्य चैरिटेबल ट्रस्ट कोटा की ओर से एक-एक लाख रूपए की राशि कोविड-19 राहत कोष में दी गई है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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