लखनऊः उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पंजीकृत 24 गौशालाओं में संरक्षित गौवंश के भरण-पोषण हेतु 57223978 रुपये स्वीकृत किये है। इस संबंध में आज विशेष सचिव, पशुधन एन0पी0पाण्डेय द्वारा आवश्यक शासनादेश जारी किया गया है।
शासनादेश के अनुसार मथुरा जनपद की सुरभी श्याम गोशाला, भगवती सेवा समि तथा सीरिया की नगरिया के लिए 689850 रुपये, कानपुर नगर के मोहन गोपाल गोशाला समिति के लिए 2266650 रुपये तथा श्रवास्ती जनपद के शिव बालक गोस्वामी गौशाला के लिए 2238180 रुपये स्वीकृत किये गये हैं। इसी प्रकार गोपाल गोशाला मेरठ को 5529750 रुपये, पंचायती गोशाला हापुड़ को 17499195 रुपये, कानपुर नगर के श्री राम भरोसा जनकल्याण एवं गोशाला समिति को 260610 रुपये तथा श्री गौरक्षणी सभी गौशाला फर्रूखाबाद को 843150 रुपये दिये गये है।
इनके अलावा फर्रूखाबाद के बृज गोशाला समिति को 2184525 रुपये, श्याम गोसेवा सदन गोरखपुर को 273750 रुपये, बुलन्दशहर स्थित श्री नारायणा गोशाला को 1073100 रुपये, हरदोई की श्री गोपाल गोशाला को 1456350 रुपये एवं झांसी के श्री राघव गौ संवर्धनशाला को 1839600 रुपये प्रदान किये गये है। इसी प्रकार गाजीपुर के बाबा गोरखनाथ गोशाला को 229950 रुपये, बागपत के दयोदय तीर्थ आचार्य विद्यासागर पशु संरक्षण केन्द्र को 1839600 रुपये, गोपाल गोशाला रायबरेली को 295650 रुपये, श्री पंचायती गोशाला मथुरा को 10140795 रुपये, स्व0 टीकम सिंह गोशाला को अमरोहा 597870 रुपये, ओम गोशाला समिति हमीरपुर को 4204800 रुपये, श्रीमति किरन सिंह स्मृति गौशाला रायबरेली को 1103760 रुपये, श्री वृन्दावन गोशाला अमरोहा को 448950 रुपये, पं0 हंसराज शर्मा गोसेवा समिति अलीगढ़ 522648 रुपये, अभिलाषा गोशाला जालौन को 459900 रुपये, ऋषि गोशाला अमरोहा को 206995 रुपये तथा रामकुटी गौशाला कानुपर देहात को पशुओ के भरण-पोषण हेतु 1018350 रुपये प्रदान किये गये है।।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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