नयी दिल्ली, : साल के तीसरे महीने का 21वां दिन साल के बाकी दिनों की तरह ही कई अच्छी बुरी घटनाओं के साथ इतिहास में दर्ज है। इस दिन की देश की सबसे महत्वपूर्ण घटना की बात करें तो इस दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में लागू आपातकाल को हटाने का ऐलान किया।
हम सभी जानते हैं कि 1975 में 25 जून की आधी रात को आपातकाल की घोषणा कर दी गई थी। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अनुरोध पर धारा 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी। इसे आजाद भारत का सबसे विवादास्पद दौर भी माना जाता है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने तो इसे भारतीय इतिहास की सबसे 'काली अवधि' की संज्ञा दी थी।
हिंदी सिनेमा के प्रतिष्ठित फिल्मफेयर पुरस्कार की शुरूआत भी 21 मार्च के दिन ही हुई थी। पहले पुरस्कार वितरण समारोह में सिर्फ 5 श्रेणी के पुरस्कार रखे गए थे, जिसमें फिल्म दो बीघा जमीन ने सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता। इस फिल्म के निर्देशक बिमल रॉय को सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया गया। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए दिलीप कुमार (दाग), सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए मीना कुमारी (बैजू बावरा) और नौशाद को :बैजू बावरा: सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का पुरस्कार मिला।
देश दुनिया के इतिहास में 21 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1349: जर्मनी के एरफर्ट शहर में ब्लैक डेथ दंगों में तीन हजार यहूदियों का कत्ल कर दिया गया।
1413: हेनरी पंचम को इंग्लैंड का राजा बनाया गया।
1791: ब्रिटिश सेना ने बेंगलुरू को टीपू सुल्तान से छीन लिया।
1836: कोलकाता में पहले सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत, अब इसका नाम नेशनल लाइब्रेरी है।
1857: जापान की राजधानी टोक्यो में आए विध्वंसक भूकंप में करीब एक लाख सात हजार लोगों की मौत हो गई. 1858: लखनऊ में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की मशाल जलाने वाले सिपाहियों ने आत्मसमर्पण किया।
1887: बम्बई में प्रार्थना समाज की स्थापना।
1954 : पहले फिल्मफेयर पुरस्कार समारोह का आयोजन। 1916 : शहनाईवादक उस्ताद बिस्मिल्ला खां का जन्म।
1977 : जून 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल को समाप्त किया गया।
1978: बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी का जन्म।
2006 : ट्विटर के सह संस्थापक जैक डोरसी ने पहला सार्वजनिक ट्वीट भेजा, जिसमें उन्होंने लिखा, ‘‘जस्ट सेटिंग अप माई ट्विटर।’’
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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