लखनऊ, : उत्तर प्रदेश विधानसभा के गुरूवार से शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी राजनीतिक दलों से सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग मांगा ।
विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और पार्टी विधायक उज्जवल रमण सिंह बैठक में शामिल हुए । बजट सत्र राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू होगा । बजट 18 फरवरी को पेश किया जाएगा ।
उत्तर प्रदेश सरकार इस सत्र के दौरान जहां डिफेंस एक्सपो सहित अपनी विभिन्न उपलब्धियां गिनाने की तैयारी में है, वहीं विपक्ष सरकार को रोजगार और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरने की सोच रहा है ।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस बजट सत्र के दौरान जनता से जुडे मुद्दे उठाएगी । इनमें आवारा पशु, कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति अपराध और बढ़ती बेरोजगारी शामिल हैं ।
प्रदेश सरकार की आलोचना करते हुए लल्लू ने कहा ‘‘उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य की जनता की चिन्ता नहीं है । सरकार ने इन्वेस्टर समिट करायी । उसे बताना चाहिए कि प्रदेश में कितने निवेशक आये और रोजगार के कितने अवसर पैदा हुए । सरकार को आंकडे देने चाहिए ।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को आम आदमी की समस्या से कोई लेना देना नहीं है ।
लल्लू ने मांग की कि संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर दर्ज झूठे मुकदमे वापस लिये जाने चाहिए ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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