मुंबई, : राकांपा नेता अजित पवार ने कहा है कि बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री के रूप में उद्धव ठाकरे और छह मंत्री भी शपथ लेंगे। इनमें दो-दो मंत्री राकांपा, शिवसेना और कांग्रेस से होंगे।
अजित ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यहां शिवाजी पार्क में होने वाले समारोह के दौरान बृहस्पतिवार शाम महाराष्ट्र के मंत्री के तौर पर शपथ नहीं लेंगे।
उन्होंने यहां राकांपा प्रमुख शरद पवार के आवास पर पार्टी नेताओं की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “मैं आज शपथ नहीं लूंगा। राकांपा से केवल छगन भुजबल और जयंत पाटिल मंत्री पद की शपथ लेंगे।”
उन्होंने कहा कि शिवसेना और कांग्रेस से भी दो-दो विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे।
अजित ने इन खबरों को खारिज कर दिया कि वह बृहस्पतिवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं दिलाये जाने के चलते निराश हैं।
उन्होंने कहा, ''मैं कहीं से भी निराश नहीं हूं। क्या आप मेरे चेहरे पर निराशा देख रहे हैं?''
महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने अपनी ''बगावत'' की खबरों का भी खंडन किया।
अजित ने पिछले हफ्ते भाजपा से हाथ मिला लिया था और शनिवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इसके कदम के परिणामस्वरूप राज्य में नवगठित देवेंद्र फडणवीस नीत (भाजपा)सरकार गिर गई।
उन्होंने कहा, ''यह कोई बगावत नहीं थी। मैं राकांपा में था, राकापां में हूं और राकांपा में रहूंगा।''
उन्होंने कहा कि वह शाम में अपनी चचेरी बहन एवं लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले के साथ शपथ ग्रहण समारोह में शरीक होंगे।
शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने राज्य में सरकार गठन के लिये महा विकास आघाडी नाम से मोर्चा बनाया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ