लखनऊ : राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने कहा कि सभी महानगरों में नगर निगम अपना क्षेत्र विस्तार करता जा रहा है परन्तु नागरिक सुविधाओं की ओर ध्यान नहीं देता। क्षेत्र विस्तार के द्वारा जिन गांवों को नगर निगम सीमा में जोड़ा जाता है वहां के निवासियों का गृहकर, जलकर, सीवरकर आदि टैक्सों के साथ ही रेस्टोरेंट अथवा नर्सिंग होम एवं दुकान चलाने वालों का लाइसेंस शुल्क अनिवार्य हो जाता है। लखनऊ नगर निगम में भी 88 गांवों को जोडनें का मसौदा पुनः तैयार हो गया है और कबिनैट बैठक के बाद लागू हो जायेगा।
डाॅ0 अहमद ने कहा कि इससे पूर्व भी जितना क्षेत्र लखनऊ नगर निगम सीमा में शामिल किया गया था वहां पर आज तक भी सड़क नाली खड़ंजा आदि की सुविधाएं तो दूर की बात है सफाईकर्मी तक का पता नहीं है और टैक्स वसूली लगातार जारी है। नागरिक सुविधाओं के नाम पर केवल कागजी लीपापोती की जाती है। नगर आयुक्त से लेकर नगर विकास मंत्री तक नागरिकों की कोई चिंता नहीं करते हैं। यदि केवल सफाई ही संतोषजनक हो जाय तो नगर निगम का नाम बदनाम होने से बच सकता है लेकिन लखनऊ नगर निगम स्वच्छता और सफाई के क्षेत्र में सम्पूर्ण प्रदेष में अन्तिम पायदान पर पाया गया। लगभग सभी महानगरों में नागरिक सुविधाओं के नाम पर खानापूरी की जाती है और खर्च होने वाले बजट की बंदरवाट की जाती है।
रालोद प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि नगर निगमों का क्षेत्र विस्तार करके यदि आय बढाने का ही तरीका अपनाना है तो क्षेत्रीय नागरिक बर्दाष्त नहीं करेगे। पानी बिजली सफाई के साथ साथ सड़क नाली खड़जा और नौनिहालों के लिए पाठषालाओं की भी व्यवस्था करना नगर निगम का दायित्व है और वर्तमान में एक भी नगर निगम ऐसा नहीं है जो अपने दायित्वों की पूर्ति करता हो। राष्ट्रीय लोकदल सभी नगर निगमों एवं नगरपालिकाओं तथा नगर पालिका परिषदों में अपना संगठन मजबूती के साथ खडा कर रहा है और शीघ्र ही इन स्थानीय निकायों के विरूद्व विस्तृत आन्दोलन छेडकर स्थानीय प्रषासन और प्रदेष सरकार की नींद हराम करेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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