लखनऊ, : पुडुचेरी की उप राज्यपाल एवं सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद शांति व्यवस्था बनाये रखने तथा कुंभ के दौरान किये गये सुरक्षा इंतजाम को लेकर गुरुवार को उत्तर प्रदेश पुलिस की सराहना की।
बेदी ने यहां दो दिवसीय अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि कुंभ के दौरान जो व्यवस्था रही और अयोध्या पर फैसले के बाद जो सुरक्षा इंतजाम रहे, उन्हें लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस सराहना की पात्र है। आम लोगों और मीडिया ने भी बहुत बुद्धिमत्ता से कार्य किया।
बेदी ने कांग्रेस को संबोधित करते हुए 'बीट पोलिसिंग' की वकालत की। उन्होंने कहा कि पुलिस और जनता के बीच सकारात्मक संबंध होने चहिए।
कांग्रेस के विभिन्न सत्रों में पुलिस अधिकारी, अनुसंधानकर्ता और अन्य लोग अपने पेपर पेश करेंगे। इससे पहले लखनऊ में इस कांग्रेस का आयोजन 1997 में हुआ था।
पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो मिलकर इस कांग्रेस का आयोजन कर रहे हैं। उन्होंने प्रदेश पुलिस की उपलब्धियों की चर्चा की, जिन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
शुक्रवार को समापन सत्र में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस के लिए जिन विषयों का चयन किया गया, उनमें पोलिसिंग में सुधार, क्षेत्र में जाने पर पेश आने वाली चुनौतियां, आवश्यक उपाय, फोरेंसिक साइंस, संसाधन उन्नयन और जांच में उनका प्रभावी उपयोग, महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा शामिल है।
आतंकवाद और कट्टरपंथ से निपटने में सोशल मीडिया की भूमिका पर भी कांग्रेस में चर्चा की जाएगी। बेदी बुधवार को ही यहां आ गयी थीं। उन्होंने प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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