लखनऊ : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में यह कहना मुश्किल है कि प्रदेश में सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क भी है। सड़कों की दुर्दशा के कारण रोजाना राजधानी सहित तमाम जनपदों में हजारों मौतें होती रहती है। रोज तमाम लोग सड़क दुर्घटनाओं में घायल होते हैं। समाजवादी सरकार ने गुणवत्ता के साथ सड़कें बनवाई थी और उनको गड्ढा मुक्त कराया था, इस सबको भाजपा के सत्ता काल में बर्बाद कर दिया गया।
कैसी विडम्बना है कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री जी और लोकनिर्माण मंत्री जी के सुर अलग-अलग निकलते हैं। लोक निर्माण मंत्री सड़कों को गड्ढामुक्त कर देने के दावेदार हैं किन्तु मुख्यमंत्री जी को लगातार बार बार गड्ढों से सड़कों को मुक्त करने का आदेश देना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री जी स्वयं पिछले दिनों अपनी सड़क यात्रा में सड़कों की दुर्दशा के स्वयं भुक्तभोगी रह चुके है। अब उन्होंने 30 नवम्बर 2019 तक सड़कों में सुधार का आदेश दिया है।
भाजपा सरकार का आधे से ज्यादा समय बीत चुका है, अब उसको दो वर्ष से कम समय सत्ता में रहने के लिए मिलेगा। एक लम्बे कार्यावधि में भाजपा का प्रदर्शन निहायत घटिया और स्तरहीन रहा है। ऐसा लगता है कि लोकनिर्माण विभाग में मंत्री जी का आदेश नहीं चलता है या फिर मंत्री जी को लगातार गलत सूचनाएं देकर भ्रमित किया जाता रहा है। विभागीय मंत्री जी का तो पता नहीं पर मुख्यमंत्री जी को सड़क पर चलने का जो अवसर मिला उसमें लगे हिचकोलों से उन्हें जरूर अंदाज हो गया कि हकीकत क्या है और फसाना क्या है?
समाजवादी सरकार में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे जैसी शानदार सड़क बनी जिस पर वायुसेना का युद्धक और मालवाहक जहाज भी उतर चुका है। गाजियाबाद में एलीवेटेड सड़क बनाने का काम भी समाजवादी सरकार में हुआ। राज्य भर में चारलेन सड़कों का जाल बिछाया गया। भाजपा के पास गिनाने को कुछ भी नहीं है। वे बस समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बताने का झूठ बोलते चले जाएंगे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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