दमोह (मध्यप्रदेश), कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कटाक्ष किया कि देश की जनता अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल्ली में लोक कल्याण मार्ग स्थित सरकारी आवास पर जाकर वहां तैनात सुरक्षा बलों के सामने 'चौकीदार' कहेगी, ''तो वे (सुरक्षा कर्मी) भी कहेंगे 'चोर है'।
जिले के पथरिया में दमोह लोकसभा सीट के पार्टी प्रत्याशी प्रताप सिंह लोधी के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा, ''पांच साल से नरेन्द्र मोदी जी वादा करते जा रहे हैं। पहले नारा हुआ करता था 'अच्छे दिन आएंगे' लेकिन अब नया नारा है...'चौकीदार'....चोर है'।
उन्होंने कहा कि अब भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि कि राहुल गांधी' चौकीदार' शब्द का प्रयोग कर रहा है। उन्हें 'चौकीदार' शब्द नहीं प्रयोग करना चाहिए। राहुल ने कहा, जब मैं 'चौकीदार' बोलता हूं तो जनता जवाब देती है 'चोर है'।
कांग्रेस अध्यक्ष कहा, ''आप कोशिश कीजिए। रेसकोर्स रोड (अब लोक कल्याण मार्ग) के सामने आप दिल्ली में जाइये। बोलिये - 'चौकीदार' ..जवाब मिलेगा। शायद नरेन्द्र मोदी जी के घर के सामने जो सेक्युरिटी वाले खड़े हैं वे कहेंगे .. 'चोर है'।''
उन्होंने दावा किया कि पूरा देश इसका कारण जानता है। पिछले पांच साल में नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 15 लोगों का पांच लाख 55 हजार करोड़ रूपये का कर्जा माफ किया।
राहुल ने दावा किया, ''30,000 करोड़ रूपया नरेन्द्र मोदी ने अनिल अंबानी को राफेल घोटाले में दिया।''
संप्रग सरकार के शासनकाल में दिये गये बुंदेलखंड पैकेज का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि हमारी सरकार ने बुंदेलखंड इलाके के विकास के लिए 3800 करोड़ रूपये का बुंदेलखंड पैकेज दिया था, लेकिन फिर भी इस इलाके का विकास नहीं हुआ।
चुनावी सभा में राहुल के साथ मौजूद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि प्रदेश की पूर्व भाजपा शासन के दौरान दिये गये इस बुंदेलखंड पैकेज की जांच करवायी जाए। उससे पता लगेगा कि यह 3800 करोड़ रूपये किसके हाथों में गया?
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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