लोकसभा चुनाव 2019: क्या अखिलेश यादव को आज़मगढ़ में टक्कर दे पाएंगे निरहुआ?


भोजपुरी फ़िल्मों के जुबली स्टार कहे जाने वाले दिनेश लाल यादव उर्फ़ निरहुआ ने स्टारडम हासिल करने के बाद साल 2013 की तपती जून में जिस पहले राजनीतिक कार्यक्रम में शिरकत की थी वो समाजवादी पार्टी ने आयोजित किया था.


मंच पर केंद्र में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव विराजमान थे और दाहिनी तरफ सबसे किनारे की कुर्सी पर निरहुआ को जगह दी गयी थी.


तब खुद उन्हें सपने में भी ख्याल नहीं आया होगा कि छह साल बाद वे उसी लोकसभा सीट के लिए ख़म ठोंकेंगे जिस पर खुद मुलायम ही विराजमान हैं. संयोग का डबल डोज ये कि इस मैदान-ए-जंग में उन्हें उस अखिलेश यादव से पंजा लड़ाना है जिनके कर कमलों से कुछ ही बरस पहले उन्होंने यश-भारती सम्मान ग्रहण किया था.


बमुश्किल हफ़्ता भर पहले 27 मार्च को उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली. दो अप्रैल को सरकार ने उन्हें वाई-श्रेणी की सुरक्षा देने का ऐलान किया और 3 अप्रैल को पार्टी ने उन्हें समाजवादी क़िला कहे जाने वाले आज़मगढ़ लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया.


उसी दिन उन्होंने साफ़ किया कि अखिलेश यादव भाई जैसे हैं लेकिन सिर्फ़ यादव होने के चलते उन्हें समर्थन देना मेरी फितरत नहीं. और ये भी कि वे 'अखिलेश भक्त' नहीं 'देश भक्त' हैं.


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