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रोहंगिया शरणार्थियों पर सीजेआई की टिप्पणी संविधान विरोधी- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 7 दिसम्बर 2025 . रोहंगिया शरणार्थियों के पुलिस डिटेंशन से ग़ायब हो जाने पर मुख्य न्यायाधीश की टिप्पणी निम्नस्तरीय और संविधान की भावना के ख़िलाफ़ है. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि ख़राब हुई है. इस टिप्पणी से रोहंगिया शरणार्थियों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा मिलेगा. इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि सीजेआई की तरफ़ से यह टिप्पणी आरएसएस-भाजपा के नैरेटिव को सूट करने के लिए किया गया हो.  यह बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 224 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पुलिस डिटेंशन से ग़ायब होने पर दायर हैबियस कॉर्पस पर मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत का उन्हें घुसपैठिया कहते हुए उनकी आश्रय, भोजन और शिक्षा की जरूरतों के मुद्दे को यह कहकर ख़ारिज करना कि भारत अपनी ग़रीबी से जूझ रहा है इसलिए इन्हें नहीं दे सकता संविधान के अनुच्छेद 21 के ख़िलाफ़ है. जो भारत में रहने वाले नागरिकों और गैरनागरिकों को गरिमापूर्ण जीवन जीने का समान अधिकार देता है.  उन्होंने कहा कि जिस समुदाय को संयुक्त राष्ट्र बहुसंख्यकवादी सैन्य सरकार द्वारा नस्ल...