नयी दिल्ली, 15 जून 2025. भारत सरकार का ग़ज़ा पर इज़राइली
हमलों को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा लाए गए प्रस्ताव से अब्सेंट
रहना वैश्विक समुदाय में भारत की छवि को कलंकित करने वाला है। आज मोदी जी
की विदेश नीति के कारण हम दक्षिण एशिया, ब्रिक्स और एससीओ में अकेले ऐसे
राष्ट्र हो गए हैं जिसने ग़ज़ा में अमानीयता और जनसंहार का समर्थन किया है।
ये बातें कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप
कार्यक्रम की 199 वीं कड़ी में कहीं।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि भारत ब्रिटेन के उपनिवेशवाद से 90 साल तक संघर्ष करके आज़ाद
हुआ था। इसलिए उपनिवेशवाद के खिलाफ़ खड़े होना भारत की नैतिक ज़िम्मेदारी
रही है और इसी नीति के तहत भारत हमेशा से फिलिस्तीन के साथ खड़ा होता रहा
है जिसपर इज़राइल ने अवैध क़ब्ज़ा किया हुआ है। उन्होंने कहा कि इसी नीति
के तहत पूरी दुनिया और खासकर तीसरी दुनिया के देशों के हितों के साथ खड़ा
होना भारत की पहचान थी। लेकिन आज मोदी सरकार ने देश को बुद्ध और गाँधी के
सिद्धांतों के खिलाफ़ जाकर जन संहार के पक्ष में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा मुद्दा बन गया है जिसमें मोदी सरकार देश की भावनाओं के विपरीत खड़ी है।
शाहनवाज़
आलम ने कहा कि आरएसएस भारत को उपनिवेश बनाने वाले अंग्रेज़ों के साथ खड़ा
था। इसीलिए आज अपने इतिहास के ही मुताबिक वो फिलिस्तीनियों पर क़ब्ज़ा करने
वाले इज़राइल के साथ खड़ा है। इसीतरह गांवों में आरएसएस-भाजपा के लोग
उत्पीड़न करने वाले सामंती तत्वों के साथ ही खड़े होते हैं। उन्होंने कहा
कि मोदी सरकार की विदेश नीति ने भारत को सामरिक के साथ ही नैतिक तौर से भी
कमज़ोर कर दिया है। जिससे सरकार की छवि अब अमरीका के रिमोट कंट्रोल पर
नाचने वाली कठपुतली की बन गयी है।
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