उन्नाव :उप्र : जिला के मौरांवा थाना इलाके में भवानीगंज स्थित दूध डेयरी पर साफ सफाई कर रहे एक युवक पर मंगलवार तड़के एक युवती ने कथित तौर पर तेजाब डाल दिया।
पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर ने बताया कि घटना भोर लगभग तीन बजे की बताई जा रही है। सूचना पर पहुंची डायल 112 पुलिस ने परिजन की सहायता से घायल को लखनऊ स्थित एक निजी अस्पताल में युवक को भर्ती कराया है।
गांववालों का कहना है कि युवक और युवती के बीच प्रेम प्रसंग था।
पुलिस के अनुसार दोनों एक दूसरे को जानते थे, पडोसी थे और दोनों में आपस में बातचीत होती रहती थी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भोर में 112 पर सूचना मिली कि एक लड़के पर एक युवती ने तेजाब डाल दिया है। सूचना पर स्थानीय प्रभारी निरीक्षक मौके पर पहुँचे, क्षेत्राधिकारी ने भी घटनास्थल का मुआयना किया है। जांच में पता चला कि रोहित यादव भवानीगंज में अपनी दूध डेयरी चलाते है।
उन्होंने बताया कि डेयरी के ठीक सामने रहने वाली ताइबा द्वारा रोहित पर पीछे से संचारक द्रव्य डाला गया है। उन्होंने बताया कि रोहित और ताइबा आपस में परिचित हैं और पिछले कई महीने से एक दूसरे से बात करते रहते बताए जा रहे हैं।
वीर ने बताया कि घायल को उपचार के लखनऊ के एक निजी अस्पताल ले जाया गया है। वहीं आरोपी युवती को पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की जा रही है। शांति व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस पिकेट तैनात कर दी गई है।
उन्होंने बताया कि तहरीर प्राप्त होते ही अभियोग पंजीक्रत कर कार्रवाई की जायेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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