लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने हिन्दू युवा वाहिनी के पूर्व अध्यक्ष और योगी आदित्यनाथ के हर मुस्लिम विरोधी कृत्य में सहयोगी रहे सुनील सिंह को अपनी पार्टी में शामिल करके एक बार फिर अपना मुस्लिम विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने जारी बयान में कहा कि सुनील सिंह की अब तक की पूरी शियासी जिन्दगी योगी आदित्यनाथ और आंतकी संगठन हिन्दू युवा वाहिनी के जरिये पूर्वांचल में मुसलमानों के खिलाफ दंगे करवाने, गौकशी के झूठे आरोपो में बेगुनाहों को फंसाने, मोहन मुण्डेरा जैसे जघन्य कांड करवाने, जहां योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में मुसलमानों के 76 घर जला दिये गये थे और पूर्वाचल में रहना है तो योगी-योगी कहना है एवं यूपी अब गुजरात बनेगा-पूर्वांचल अब शुरूआत करेगा, जैसे नारे लगाते बीता है। मुसलमानों के बारे मे सुनील सिंह के विचार सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहे हैं। जिसमें वह भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने की योजना पर बोलते हुए कह रहे हैं कि मुसलमानों से उनके वोट देने का अधिकार छीनकर उनकी मस्जिदों पर भगवा झण्डा लगा देने का काम वो करेंगे।
आलम ने पूछा है कि सपा मुखिया अखिलेश यादव जी को बताना चाहिए कि उपरोक्त में से सुनील सिंह का कौन सा मुस्लिम विरोधी काम और नारा उन्हें इतना पंसन्द आ गया कि उन्हें अपनी मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिला दी। शाहनवाज आलम ने कहा कि मुस्लिम समाज के श्रीमती प्रियंका गांधी जी और कांग्रेस के प्रति बढ़ते रूझान के कारण सपा मुखिया काफी चिन्तित हैं और मुसलमानों से बदले की भावना के तहत मुस्लिम विरोधी तत्वों को सपा में शामिल कराकर उन्हें डराना चाहते हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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