इस्लामाबाद,: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ननकाना साहिब में हाल ही में हुई तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि यह उनकी ‘सोच’ के खिलाफ है और उनकी सरकार का इस मामले में रुख कतई बर्दाश्त नहीं करने वाला है।
गुरद्वारा ननकाना साहिब लाहौर के पास है जिसे गुरद्वारा जनम अस्थान के नाम से भी जाना जाता है। यह सिखों के प्रथम गुरू नानक देव का जन्मस्थान है।
खबरों के अनुसार, शुक्रवार को हिंसक भीड़ ने गुरद्वारे पर हमला और पथराव किया। पुलिस ने हालात पर नियंत्रण के लिए कार्रवाई की।
घटना पर चुप्पी तोड़ते हुए खान ने भारत में मुस्लिमों तथा अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले होने का आरोप लगाया और कहा कि इनके तथा ननकाना साहिब की निंदनीय घटना के बीच बड़ा अंतर है।
उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, ‘‘यह घटना मेरी सोच के खिलाफ है और पुलिस तथा न्यायपालिका समेत सरकार की ओर से इस पर कतई बर्दाश्त नहीं वाला रुख रहेगा।’’
खान ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘‘की सोच अल्पसंख्यकों को दबाने और मुस्लिमों पर लक्षित हमलों का समर्थन करने वाली है’’।
भारत ने ननकाना साहिब की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान सरकार से वहां सिख समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।
शनिवार को भारत में कई संगठनों और दलों के नेताओं ने ऐतिहासिक गुरद्वारे पर भीड़ के हमले की निंदा की और इसे ‘कायराना’ तथा ‘शर्मनाक’ कृत्य बताया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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