लखनऊ : सेना कोर्ट स्थित ए एफटीबार एसोसिएशन में महामंत्री पंकज कुमार शुक्ला ने समतामूलक बार स्थापित करने के क्रम में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और नोटरी से संबंधित मामले को आगामी 31 जनवरी को होने वाली कार्यकारिणी मीटिंग का एजेंडा बनाया, बार के अध्यक्ष अपने कार्यक्षेत्र के बाहर जाकर सचिव की कार्यकारी शक्तियों में दखल देते हुए “आजीवन सदस्यता” सूची और “दानदाताओं” की सूची का बोर्ड व्यतिक्रम में मनमाने तरीके से बनवाने की कोशिश कर रहे थे जो एक तरफ अध्यक्ष के कार्यक्षेत्र के बाहर था तो दूसरी तरफ सदस्यों को अपमानित करने वाला था इसलिए सचिव ने इस विषय को कार्यकारिणी के सामने रखना उचित समझा। अध्यक्ष डीएस तिवारी ने पूंछे जाने पर बताया कि हमारी प्राथमिकता बार हित पर पड़ने वाले प्रभाव से अधिक महत्वपूर्ण है सचिव को सबक सिखाना, दूसरी तरफ उपाध्यक्ष आर चन्द्रा की व्यक्तिगत आलमारी को बार से हटाने का प्रकरण गंभीर हो गया है क्योंकि कुछ नए सदस्य भी आलमारी रखने की मांग कर रहे हैं आर चन्द्रा का कहना है चाहे एफआईआर दर्ज हो या जेल जाना पड़े आलमारी नहीं हटेगी वही इस मामले पर अध्यक्ष चन्द्रा जी के साथ हैं, उनका कहना है कि कार्य उचित है अनुचित इससे कोई मतलब नहीं मेरा कार्य सिर्फ सचिव का विरोध है, बार सेना कोर्ट की है ।
वहीं नोटरी शमशाद आलम ने नोटरी शुल्क रु.1000/- किसी से वसूल लिया लिया जिसकी लिखित शिकायत पर सचिव ने दिशानिर्देश हेतु अध्यक्ष अग्रसारित कर दिया लेकिन उन्होंने पद की गरिमा और नियम के विपरीत जाकर पत्र लेने से इनकार कर दिया यद्यपि अगले दिन लिया। सचिव पंकज कुमार शुक्ला का कहना है कि बार और सदस्यों के हित के ऊपर न तो कोई व्यक्ति है और न पदाधिकारी, सभी समान है, पदासीन व्यक्ति का अपराध सर्वाधिक गंभीर होता है क्योंकि वह लोगों के विश्वास का प्रतीक होता है, श्री शुक्ला ने आगे कहा कि किसी को भी नियम के विपरीत जाकर कार्य करने की इजाजत नहीं दी जा सकती यह व्यक्ति या पद नहीं बल्कि संस्था की प्रतिष्ठा का मामला है प्रत्येक पदाधिकारी को सदस्यों के इच्छा के अनुरूप कार्य करना चाहिए l बार के पूर्व महामंत्री और प्रवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि बार के अन्दर जो भी विवाद, मतभेद और टकराव है उसको शीघ्र ही निपटा लिया जाएगा किसी को घबराने की जरूरत नहीं है l
टिप्पणियाँ