222 नंबर स्क्वाड्रन द टाइगरशार्क्स को एक समारोह में एयरफोर्स स्टेशन तंजावुर में शामिल किया गया। इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, एडीसी, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएम एडीसी, रक्षा अनुसंधान विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के प्रमुख डॉ. जी सतीश रेड्डी, एयर ऑफिसर कमांडिंग इन - चीफ (एओसी-इन-सी) दक्षिणी नौसेना कमान एयर मार्शल अमित तिवारी एवीएसएम, वीएम, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (एफओसी-इन-सी) पूर्वी नौ सेना कमान वाइस एडमिरल अतुल कुमार जैन एवीएसएम वीएसएम, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आर माधवन और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस समारोह में शामिल हुए।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अगवानी एयर फोर्स स्टेशन तंजावुर के स्टेशन कमांडर ग्रुप कैप्टन प्राजुअल सिंह ने की। जनरल बिपिन रावत ने कहा कि टाइगरशार्क्स के पुनरुत्थान ने एकीकरण और मेल-मिलाप पर प्रकाश डाला है जो भारतीय सशस्त्र बलों का भविष्य है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस युक्त एसयू 30 एमकेआई वायुयान एक बड़ा परिवर्तन लाएगा जो समुद्रीय क्षेत्र की सुरक्षा में व्यापक बढ़ोतरी करेगा। इस स्क्वाड्रन का भारतीय सशस्त्र बलों की संयुक्तता में गतिशीलता लाने के लिए भारतीय सेना और नौसेना के साथ मिलकर परिचालन किया जाएगा।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने अपने संबोधन में सीडीएस को इस समारोह में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह भारतीय वायु सेना दक्षिणी एयर कमान एयर फोर्स स्टेशन तंजावुर और 222 स्क्वाड्रन के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने एसयू 30 एमकेआई स्क्वॉड्रन को शामिल करने के लिए तंजावुर को बेस के रूप में चुने जाने के निणर्य के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसे रणनीतिक स्थिति के आधार पर चुना गया है। उन्होंने दक्षिण एयर कमान और एयर फोर्स स्टेशन तंजावुर के सभी कर्मियों की लगभग एक साल से स्क्वाड्रन शामिल करने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। इस समारोह का समापन लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम और सूर्य किरण एरोबिक टीम द्वारा किए गए उड़ान प्रदर्शन के साथ हुआ।
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