गोरखपुर (उप्र), : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध कर रहे जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को गोरखपुर में जगह-जगह प्रदर्शन किये गये।
समाजवादी पार्टी छात्रसभा के सदस्यों ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के द्वार पर प्रदर्शन किया।
छात्रसभा की गोरखपुर इकाई के अध्यक्ष गवीश दुबे ने कहा कि सीएए संविधान की मूल भावना के विपरीत है और सरकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया जैसी पुलिस कार्रवाई करके जनता की आवाज को दबाना चाहती है।
उधर, कांग्रेस ने टाउन हॉल इलाके में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना—प्रदर्शन किया।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसरों में पुलिस की दमनपूर्ण कार्रवाई असहनीय है। उन्होंने कहा कि यह सारा हंगामा सरकार की नाकामियों की तरफ से ध्यान हटाने के लिये जानबूझकर कराया जा रहा है।
इस बीच, इमामबाड़ा मुतवल्लियान कमेटी ने जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन देकर सीएए और एनआरसी के निर्णय को वापस लेने की मांग की।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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