ईडी ने धनशोधन मामले में राज ठाकरे से पूछताछ की
मुंबई, - मनसे प्रमुख राज ठाकरे एक धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में गुरूवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ दक्षिण मुंबई स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय पहुंचे और इसके बाद एजेंसी ने उनसे पूछताछ की।
मनसे नेता सुबह 11.25 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे और रात 8.15 बजे वहां से निकले।
उन्होंने इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों के सवालों का कोई जवाब नहीं दिया, हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया और अपनी कार में बैठकर दादर स्थित अपने आवास चले गए।
ईडी कार्यालय में प्रवेश करते समय और करीब नौ घंटे अंदर बिताने के बाद बाहर निकलने के दौरान उनके हावभाव में बहुत अधिक परिवर्तन नहीं दिखा।
एक अधिकारी ने बताया कि ईडी अधिकारियों ने वित्तीय लेनदेन की जानकारी के लिए एक प्रश्नावली तैयार की थी। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने मामले में बयान दर्ज करने के बाद राज को जाने दिया।
ईडी के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी कि क्या उन्हें पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया जाएगा।
मनसे नेता अपनी पत्नी शर्मिला, बेटे अमित और बहू मिताली के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे। राज के अकेले कार्यालय में प्रवेश करने के बाद, उनके परिवार के सदस्य पास के एक होटल में रुके।
ईडी ने राज ठाकरे को कोहिनूर सीटीएनएल को इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएलएफएस) द्वारा दिए गए ऋण से संबंधित कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में तलब किया था।
ठाकरे की पेशी को देखते हुए मुंबई पुलिस ने गुरुवार को दक्षिण मुंबई में ईडी कार्यालय के बाहर और दादर के कुछ इलाकों में आपराधिक दंड संहिता की धारा 144 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने पर प्रतिबंध) लगा दी थी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह कदम कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया था।
मुंबई में शांति रही और हिंसा की कोई घटना नहीं हुयी।
अधिकारी ने कहा, ''राज ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से ईडी कार्यालय के बाहर एकत्र नहीं होने की अपील की थी लेकिन हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते थे।
इस बीच, मनसे नेता संदीप देशपांडे को गुरुवार की सुबह पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एमएनएस कार्यकर्ता संतोष धुरी और रवि मोरे को क्रमशः मुंबई और ठाणे से हिरासत में लिया गया।
अधिकारी ने बताया, ''हमने माता रमाबाई अंबेडकर मार्ग पुलिस थाना के अधिकार क्षेत्र में धारा 144 लागू की थी जहां ईडी कार्यालय स्थित है।''
उन्होंने कहा कि धारा 144 के तहत चार से अधिक व्यक्तियों को उस इलाके में एक जगह इकट्ठा होने पर प्रतिबंध होता है, जहां शांति भंग होने की आशंका रहती है।
अधिकारी ने कहा कि मनसे प्रमुख के वहां पहुंचने से पहले ईडी कार्यालय के बाहर भीड़ जमा होने की आशंका को देखते हुए, एजेंसी कार्यालय के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
उन्होंने कहा कि मध्य मुंबई के दादर क्षेत्र और अन्य स्थानों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था जिसे मनसे का गढ़ माना जाता है।
ईडी कोहिनूर सीटीएनएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी में ईएल एंड एफएस द्वारा किए गए 450 करोड़ रुपये से अधिक के इक्विटी निवेश और ऋण में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। कंपनी मुंबई के दादर क्षेत्र में कोहिनूर स्क्वायर टॉवर बना रही है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी के बेटे उन्मेष जोशी को भी इस मामले में ईडी ने तलब किया है।
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